परवेज अख्तर/सिवान: दरौली में रविवार की सुबह सरयू के जलस्तर में आंशिक कमी देखी गई, हालांकि अभी भी सरयू नदी खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही है। बाढ़ विभाग से जारी रिपोर्ट के अनुसार रविवार को दरौली में सरयू नदी का जलस्तर 61.77 मीटर मापा गया, यहां खतरे का निशान 60.82 मीटर निर्धारित है। आंकड़ों के अनुसार दरौली में सरयू रविवार को भी खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। वहीं सिसवन में सरयू नदी का जलस्तर 97.960 मीटर मापा गया, यहां खतरे का निशान 57.04 मीटर निर्धारित है। सरयू के जल स्तर में बढ़ोतरी से गुठनी, दरौली, रघुनाथपुर, आंदर और सिसवन समेत पांच प्रखंडों के सैकड़ों गांव प्रभावित हैं। कई लोगों के घरों में पानी घुसने से जनजीवन प्रभावित हो गया है। वहीं लोगों की खेतों में लगी धान, अरहन, मूंगफली, खैनी, सब्जी आदि की खेती बर्बाद हो रही है। कुल मिलाकर करीब पांच हजार हेक्टेयर भूमि जलमग्न होने की संभावना है।
बड़आ व कौसड़ तटबंध पर दबाव से रतजगा करने को विवश ग्रामीण :
रघुनाथपुर प्रखंड के बडुआ, कौसड़ गांव में जर्जर तटबंध ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। सरयू का जल स्तर बढ़ने से इन तटबंधों पर काफी दबाव हो गया है। इसको लेकर ग्रामीण रतजगा करने को विवश हैं तथा बांधों पर काफी निगरानी करते नजर आ रहे हैं। आंदर प्रखंड के पतार गांव के समीप सरयू नदी में जलस्तर की हुई वृद्धि के कारण पानी कई एकड़ खेतों में प्रवेश कर गया है. फसल बर्बाद होने से किसानों को चिंता सताने लगी है। सरयू नदी का पानी गांव स्थित सड़क व काली मंदिर परिसर में पानी घुस चुका है। दूसरी ओर आंदर प्रखंड के अर्कपुर गांव में झरही नदी में जलस्तर बढ़ने से पानी खेतों में प्रवेश गया है। इससे फसल बर्बाद होने की आशंका एक किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। अर्कपुर पंचायत के संजय कुमार बैठा ने प्रखंड के पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।