✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
जिले की हवा में प्रदूषण की मात्रा में काफी बढ़ोतरी हो गई है। इसका मुख्य कारण जिले में नल जल योजना के तहत पाइप लाइन को बिछाना है। वहीं सबसे बड़ी वजह तो सड़कों के किनारे रोजाना निकलने वाले हजारों टन कचरे को फेंका जाना है और उसमें नप कर्मियों द्वारा आग लगाना। आंकड़ों पर गौर करें तो बुधवार को जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स 433 पर पहुंच गया है। एक तरफ लोगों को जहां ठंड में सामान्य खांसी, फेफड़े के संक्रमण, वायरल फीवर सहित अन्य बीमारियों से परेशानी बढ़ी है वहीं दूसरी ओर प्रदूषित हवाओं का संचरण जारी रहने से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।जानकारों की मानें तो जिले में उड़ते धूल व हाइवे व मुख्य सड़कों के किनारे कचरों में आग लगाने के बाद निकल रहे धुएं की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। यहीं नहीं इसके कारण हवा और भी जहरीली होती जा रही है।
ब्रोकाइटिस, ईफिसेमा, अस्थमा के मरीजों में होगा इजाफा :
चिकित्सकों की मानें तो इन दिनों शहर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। इस कारण सुबह में हल्की धुंध भी बढ़ी है। ऐसे में संक्रमण बर्दाश्त नहीं करने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान ब्रोकाइटिस, ईफिसेमा, अस्थमा के मरीजों में काफी इजाफा होने की संभावना है। हवा की गुणवत्ता के आधार पर ही एयर क्वालिटी इंडेक्स में छह कैटेगरी बनाई गई है। इसमें शून्य से 50 तक अच्छी, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 150 तक प्रदूषित, 151 से 200 तक खराब, 201 से 250 तक अत्यंत खराब और 250 से अधिक को गंभीर की श्रेणी में रखा गया है।