परवेज अख्तर/सिवान: नगर परिषद की नवगठित सरकार के समक्ष इस बार पार्षदों के साथ सामंजस्य बनाना इस बार बड़ी चुनौती होगी। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इसके लिए पक्ष और विपक्ष पहले से तय नहीं हैं क्योकि हर बार मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के चुनाव में ही यह स्पष्ट हो जाता था, लेकिन इस बार जनता द्वारा सीधे वोटिंग के आधार पर चुनकर आए पार्षदों को एकजुट कर मंच पर लाना मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के कार्य का एक अहम हिस्सा होगा। सूत्रों की मानें तो जब सामान्य बोर्ड की पहली बैठक होगी ताे इसमें देखा जाएगा कि नई सरकार के पास विकास के कौन-कौन से फार्मूले हैं,जो हिट करेंगे।
इसकी वजह भी साफ है कि पिछली बार पांच साल में दो साल वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण व एक साल जनप्रतिनिधियों के बीच लड़ाई में बीत गया था, बाकी बचे कार्यकाल में ही विकास का कार्य हो पाया था। जानकारी के अनुसार मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद समेत सभी पार्षदों का शपथ ग्रहण निर्वाचन आयोग से तिथि का निर्धारण करने के बाद होगा। तभी विकास का भी रोडमैप तैयार हो सकेगा।