- सिपाही बाल्मीकि हत्याकांड में जिला पुलिस प्रशासन की खूब हो रही है फजीहत
- खान ब्रदर्स के अयूब खान ने 3 नौजवान युवक की लाश को टुकड़े टुकड़े में काटकर पानी में बहा डाला था
✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
सिसवन थाना में पदस्थापित सिपाही बाल्मीकि यादव की हत्या के चार महीने बीत जाने के बाद भी जिला पुलिस आरोपित कुख्यात रईस खान को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।लोगों को यह उम्मीद थी कि पुलिस जवान की हत्या मामले की जांच तेज होगी और घटना को अंजाम देने के मामले में सभी आरोपित सलाखों के पीछे होंगे।लेकिन,आम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के बजाए जिला पुलिस ने अपनी फजीहत करानी शुरू कर दी है।ऐसे में अब जनता के बीच इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार तेज है कि जब पुलिस अपने कर्मियों को इंसाफ दिलाने में सुस्त है तो आम जनता का भला होने में देर स्वभाविक है। इस मामले में पुलिस की सुस्त जांच इसी से स्पष्ट होती है कि कांड में आरोपित और फिलहाल जेल में बंद कुख्यात मोहम्मद आफताब,अभय यादव एवं वीरेंद्र राम ने आत्मसमर्पण कर दिया,लेकिन कुख्यात रईस खान अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
गिरफ्तारी तो दूर कुर्की की कार्रवाई भी ठंडे बस्ते में पड़ी
सिसवन थाना कांड संख्या 221/22 सिपाही हत्याकांड के नामजद चार आरोपितों में फरार कुख्यात रईस खान के घर की कुर्की के लिए उसके घर पर इश्तेहार चस्पा दिया गया,लेकिन अबतक रईस के बारे में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला और ना ही उसने रईस खान की गिरफ्तारी के लिए ही कोई प्रयास किया।ऐसे में कुर्की की भी कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुख्यात रईस खान जिले में ही छुपा है और यह बात पुलिस के अधिकारियों को बखूबी पता है,लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार करने से बच रही है।
गश्त के दौरान सिपाही की हुई थी हत्या
बतादें कि सात सितंबर को गश्त में निकली पुलिस पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी थी।इस क्रम में गोली लगने से सिपाही बाल्मीकि यादव की मौत हो गई थी।इस घटना के बाद जिले के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। हत्या के बाद सारण डीआइजी पी कनन,एसपी शैलेश कुमार सिन्हा मामले की जांच के लिए ग्यासपुर पहुंचे थे, लेकिन सिपाही के परिवार को अभी तक न्याय नहीं मिल सकी।पुलिस अभी तक यह नहीं बता सकी कि हत्या एके 47 से हुई थी या पिस्टल से।स्थानीय लोगों की माने तो कुख्यात रईस खान की जिले के पुलिस महकमे में काफी अच्छी पकड़ है जिसका लाभ रईस को मिलता रहा है।
कुख्यात अपराधकर्मी रईस खान का बड़ा भाई अयूब खान जो ट्रिपल निर्मम हत्या कांड में जेल के सलाखों में है बंद
बीते वर्ष सात नवंबर को रहस्यमयी ढंग से लापता हुए सिवान के तीन युवक विशाल,अंशु और उनके ड्राइवर परमेंद्र यादव की हत्या की जा चुकी है। इस मामले में कुख्यात अयूब खान को गिरफ्तार किया गया है जिसके बाद पूरे मामले से पर्दा उठ उठा।बताया जाता है कि अयूब खान ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर विशाल,अंशु और उनके ड्राइवर परमेंद्र का अपहरण किया और फिर हत्या की।इसके बाद शव के टुकड़े टुकड़े कर सरयू नदी में फेंक दिया।उस समय एसपी शैलेश कुमार ने बताया था कि अयूब खान ने पूछताछ के क्रम में बताया था कि, “सात नवंबर को ही बड़हरिया के बीबी के बंगरा गांव में धोखे से चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोश किया।फिर गमछा से गला बांधकर गाड़ी में हत्या की और शव के टुकड़े टुकड़े कर सिवान के सिसवन थाना क्षेत्र के सरयू नदी के साईपुर तिमुहानी घाट पर कपड़ा जूता सहित डाल दिया।बतादें कि इस मामले में विशाल की मां ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।इसके बाद छानबीन के क्रम में नगर थाना के शुक्ला टोली के रहने वाले संदीप कुमार को 23 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।इसके बाद एक टीम का गठन किया गया।अनुसंधान के क्रम में अयूब खान उर्फ बड़े भाई को पूर्णिया के बायसी थाना क्षेत्र से एसटीएफ के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया गया।इसके बाद वहां से उसे सिवान लाया गया।
ये सामान हुए बरामद
उस समय एसपी श्री शैलेश कुमार सिन्हा ने बताया था की अयूब खान की निशानदेही पर कांड में प्रयुक्त एक टाटा सफारी,एक उजले रंग की बोलेरो और नदी किनारे छुपाकर रखा गया लोहे का दो धारदार हथियार(लोहे का दाब) बरामद किया गया।बहरहाल मामला चाहे जो हो सिवान पुलिस अब तक कुख्यात रईस खान को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।जिसको लेकर जिला पुलिस प्रशासन की खूब फजीहत हो रही है।