परवेज अख्तर/सीवान: स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए जिले के 65 अति प्रभावित गांवों में कालाजार मरीजों की खोज के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। राज्य स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि कालाजार की स्थिति को बनाए रखने के लिए रोगियों की पहचान करना आवश्यक है। ऐसे में जिले के 65 गांवों का चयन किया गया है। जिले में एमडीए अभियान को ध्यान में रखते हुए प्रथम चरण में गोरेयाकोठी प्रखंड के 17 गांवों में कालाजार रोगी खोज अभियान शुरू भी कर दिया गया है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. एमआर रंजन ने बताया कि गोरेयाकोठी प्रखंड के 17 अति प्रभावित गांवों में एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ केयर इंडिया, पीसीआई, डब्ल्यूएचओ, सीफार के द्वारा सहयोग किया जा रहा है।
कालाजार के मरीज की टीबी एवं एचआईवी जांच है जरुरी :
जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह सूचना लगाई जाएगी कि प्रत्येक कालाजार के मरीज की टीबी एवं एचआइवी की जांच जरूरी है। प्रत्येक टीबी के मरीज की भी कालाजार इंडेमिक सिटी जोन के आधार पर आरके39 किट से जांच की जाएगी। अगर कालाजार इंडेमिक सिटी जोन से या पूर्व में कालाजार से पीड़ित अगर कोई मरीज चमड़े की दाग लेकर आता है तो उसकी भी आरके 39 से जांच कराई जाएगी। अगर एचआईवी पाजिटिव मरीज है तो उसकी भी कालाजार जांच की जाएगी। अगर आरके39 जांच पाजिटिव पाया जाता है तो आरएमआरआई पटना या एआरटी सेंटर भेजा जाएगा।