- डीएम व एसपी ने लिया जायजा, महिलाओं ने किया प्रदर्शन
- मृतक के स्वजनों को सांत्वना देने की लगी होड़
✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
सीवान जिले के लकड़ी नबीगंज के बाला गांव में जहरीली शराब से पीने से हुई लोगों की मौत के बाद रविवार की रात डीएम श्री अमित कुमार पांडेय एवं एसपी श्री शैलेश कुमार सिन्हा ने महाराजगंज एसडीओ संजय कुमार,एसडीपीओ पोलस्त कुमार के साथ पहुंच कर घटनास्थल का जायजा लिया। वहीं थानों के थानाध्यक्ष रात भर काम करते हुए और ध्वनि प्रचार पर जहरीली शराब के सेवन करने वालों को इलाज कराने के लिए पहल करते नजर आए। इसके बाद सोमवार की सुबह से ही स्वास्थ्य विभाग की टीम दिन भर कैंप करती रही। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक एंबुलेंस की व्यवस्था कर बाला गांव में भ्रमण करती रही। इसके अलावा सिविल सर्जन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अनिल कुमार भट,चिकित्सा पदाधिकारी राजेश रंजन, डा.भगवान साह,डा.इम्तियाज अहमद, स्वास्थ्य प्रबंधक राम लक्ष्मण दास,विनोद सिंह,डा.सुजीत कुमार आदि कैंप कर शराब सेवन करने वालों की पहचान कर इलाज के लिए भेजने के लिए लोगों को प्रेरित करते नजर आ रहे थे।
मृतक के स्वजनों को सांत्वना देने की लगी होड़
इस घटना की सूचना मिलते ही जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नजमुल होदा,राजद नेता प्रमोद यादव,विधायक देवेशांत सिंह, माले नेता तारकेश्वर यादव, लोजपा नेता अनिल पासवान समेत विभिन्न दल के नेताओं ने क्षेत्र का भ्रमण किया तथा मृतक के स्वजनों को ढाढ़स बंधया तथा प्रशासन से इन शराब कांड की जांच कराने की मांग की। साथ ही सरकार से महादलित परिवारों को पांच लाख मुआवजा दिलाने की मांग की।
आधा दर्जन की मौत के बाद बाला गांव में पसरा सन्नाटा
लकड़ी नबीगंज ओपी क्षेत्र के बाला गांव में जहरीली शराब पीने से छह लोगों की मौत हो गई तथा पांच लोगों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।इस घटना के बाद स्वजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया है। चारों ओर स्वजनों के रोने की आवाज सुनाई दे रही है। वहीं ग्रामीण स्वजनों को ढाढ़स बंधा रहे थे।जनक बिन का शव पहुंचते ही उनकी पत्नी फूलमती देवी समेत अन्य स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जनक बिन घर का एक मात्र कमाऊ सदस्य था। वहीं दूसरी तरफ धुरेंद्र मांझी की पत्नी सोहिला देवी तथा उसके स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं पीड़ित परिवार के स्वजन यही कह रहे थे कि जहरीली शराब पी लेने से इन लोगों की मौत हो गई है। वहीं दूसरी तरफ राजेश बीन का शव बाला गांव पहुंचते ही माता-पिता और भाइयों का रो-रोकर बुरा हाल है।राजेश बिन अविवाहित था।
सभी मजदूरी कर चलाते हैं परिवार खर्च
जहरीली शराब से पीड़ित सभी लोग मजदूर वर्ग के हैं।वे सभी खेती-गृहस्ती व मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाते हैं।सभी गरीब परिवार से आते हैं तथा किसी तरह परिवार का खर्च चलाते हैं।शराब पीने से हुई मौत के बाद स्वजनों पर अब दुखों का पहाड़ टूट गया।वहीं जनप्रतिनिधि एवं आसपास के लोग स्वजनों का ढाढ़स बंधा रहे थे।
शराब बिक्री के विरोध में महिलाओं ने किया प्रदर्शन
लकड़ी नबीगंज के बाला गांव में शराब पीने से लोगों की मौत होने एवं कुछ लोगों के बीमार होने से आक्रोशित महिलाओं ने प्रदर्शन किया। साथ ही क्षेत्र में शराब बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने एवं शराब तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।