परवेज अख्तर/सिवान : पूरी दुनिया जहाँ हुसैन और उनके साथियों की मिसाल दे रहे हैं वहीं सिवान ज़िले के कर्णपुरा निवासी अली रज़ा की पुत्री ज़ाकिरा कुलसुम ज़हरा ने इमाम हुसैन और उनके साथी की फ़ज़ीलत पे रौशनी डालते हुए कहा कि हुसैन पूरी इंसानियत की ज़रूरत हैं।हुसैन की क़ुर्बानी क्रूरता, घमण्ड और तानाशाह विचारधारा के ख़िलाफ़ हुई।हुसैन ने कहा कि मैं अपना सर कटा दूंगा,अपना पूरा घर क़ुर्बान कर दूँगा मगर इस तानाशाही फ़रमान को अपना समर्थन नहीं दे सकता,यज़ीद ये अपने ज़ुल्म और बल के बुनियाद पे तख़्त पे बैठ गया था और वो इमाम हुसैन का समर्थन ले के इस्लाम को अपने तऱीके से चलाना चाहता था मगर इमाम हुसैन ने कहा कि “इस्लाम मेरे नाना हज़रत मुहम्मद(स.अ.)का दिन है ये अल्लाह का पसंदीदा दिन है इसे हम ऐसे क्रूर और ज़ुल्मी के हाथों नहीं सौंप सकते चाहे उसके लिए अपना सर क्यों ना कटाना पड़े। यही वजह है कि कर्बला जैसा दर्दनाक हादसा दुनिया को देखने को मिला जो पूरी इंसानियत को शर्मसार करता है।
आज भी हमारी ये ज़िम्मेदारी बनती है कि हम किसी धर्म या किसी समुदाय से ऊपर उठ के इंसानियत के बारे में सोचें और अगर कहीं ज़ुल्म,ज़बरदस्ती,अत्याचार होता हो तो उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं चाहे ज़ुल्मी कितना भी ताक़तवर क्यों ना हो । सब्र का हथियार ले के अपनी बात मनवाने की ये सिख ये हिम्मत हमें इमाम हुसैन से ही मिली है ।
इमाम हुसैन हैं इंसानियत की ज़रूरत : ज़ाकिरा कुलसुम ज़हरा
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good massage…isi liye to aaj hussainiyat baki h yazidiyat khatam ho gyi….aaj koi apne bachhe ka naam yazid Ni rakhta h..yazid or duniya ka har bura Ganda kam don’t brabr h…..
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