परवेज अख्तर/सिवान: महाराजगंज अनुमंडल मुख्यालय नखास के काली मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ में पूजा अर्चना करने एवं प्रवचन सुनने के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। वैदिक मंत्रोच्चारण एवं जयकार से पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। इस मौके पर वृंदावन से पधारी कथावाचिका प्रियंका शास्त्री ने महायज्ञ के चौथे दिन शुक्रवार की रात भागवत कथा के दौरान सृष्टि की रचना के प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी को पाताल लोक से लाने के लिए हरि विष्णु ने वराह अवतार लिया। इसे सुन श्रद्धालु भाव विह्वल हो गए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले भगवान हरि विष्णु की नाभि से कमल के फूल पर बैठे ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई। भगवान हरि विष्णु के आदेश के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की।
उन्होंने मनु व सतरूपा की उत्पत्ति की। मनु व सतरूपा से पांच संतानों में दो पुत्र और तीन कन्या हुईं। उन्होंने कहा कि भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। यह कल्पवृक्ष के समान है। भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण हैं और जो कृष्ण हैं वहीं भागवत है। कथावाचिका ने कहा कि भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को जिसे अपनानी चाहिए वह छोड़ रहा है और जिसे छोड़ना चाहिए उसे साथ लेकर चल रहा है। उन्होंने कहा कि भक्ति एक ऐसा उत्तम साधन है जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान करता है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। इस मौके पर काफी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।