परवेज अख्तर/सिवान: जिले के मैरवा प्रखंड के बड़कामांझा पंचायत में शुक्रवार को जनसुराज पदयात्रा के दौरान शुक्रवार को प्रशांत किशोर ने प्रेसवार्ता कर अपने अनुभव साझा किए। प्रशांत किशोर ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि आज बिहार की सत्ता पूरी तरह से राजद के हाथ में है, इसलिए प्रदेश में अपराध बढ़ने के साथ जंगलराज की वापसी हो रही है। उन्होंने जातीय गणना के सवाल पर कहा कि जातीय गणना प्रशासनिक गतिविधि है, क्योंकि जातीय गणना का संवैधानिक आधार नहीं है। जनगणना केंद्र का विषय है तो राज्यों के पास ये अधिकार नहीं है कि वो संवैधानिक आधार पर जनगणना करा सके, इसलिए सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है, उसमें इसे गणना (सर्वे) कहा गया है।
कहा कि इस गणना का मकसद पिछड़े वर्गों को लाभ पहुंचाना नहीं है। वो तो इसके सहारे राजनीतिक ध्रुवीकरण और समाज को जातीय आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने शिक्षा व्यवस्था के बारे में कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था का ध्वस्त हो जाना पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल का सबसे बड़ा काला अध्याय है। कहा कि सूबे में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। विद्यालयों और कालेज की भूमिका बस खिचड़ी, डिग्री बांटने की है। इस दौरान उन्होंने बेरोजगारी, कृषि एवं स्वास्थ्य आदि व्यवस्था पर भी सवाल उठाए।