परवेज अख्तर/सिवान: शहर के जेडए इस्लामिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को जश्न- ए- ईद मिलादुन्नबी का आयोजन किया गया। इसमें प्रसिद्ध सूफी संत हजरत अल्लामा मौलाना प्रो. शमीमुद्दीन अहमद मुनअमी ने तकरीर की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम ने विश्व में शांति का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम का शाब्दिक अर्थ समर्पण और सलामती होता है। इस्लाम ने दुनिया में सबसे पहले शराब और जुए पर प्रतिबंध लगाया। सबसे पहले स्त्री को संपत्ति में अधिकार दिया। मौलाना प्रो. मुनअमी ने कहा कि नबी के बारे में सबसे अधिक पुस्तकें लिखी गई हैं। नबी ने धर्म और कर्तव्य दोनों की शिक्षा दी। उन्होंने अपने ऊपर आक्रमण करने वालों को पढ़ाने का काम दिया था। उनके विरोधी ज्ञान पर अपना एकाधिकार बनाए थे। क्षमा, दया, करुणा के लिए मनुष्य को धरती पर भेजा गया है। कार्यक्रम के दौरान शासी निकाय के सचिव जफर अहमद गनी ने उनका स्वागत किया।
मौके पर प्रो. जयाउद्दीन अहमद, मुस्ताक अहमद ने नात प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान मौलाना प्रो. मुनअमी ने द विमले इंटरनेशनल स्कूल में पौधारोपण कर हरियाली का संदेश दिया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य प्रो. इदरीश आलम ने ज्ञापन किया। इस अवसर पर शासी निकाय के वरीय सदस्य तारिक अहमद गनी, प्रो. सुरेंद्र कुमार, प्रो. शौकत अली, प्रो. तारिक, प्रो. अशोक मिश्र, प्रो. अशोक प्रियंवद, प्रो. भूषण, प्रो. महफूज, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. आशा कुमारी, प्रो. जितेंद्र वर्मा, प्रो. आफताब असलम, प्रो. विवेकानंद पांडेय, प्रो. प्रियंकर श्रीवास्तव, प्रो. जावेद इकबाल, प्रो. तनवीर, प्रो. शाहजदा खान, प्रो. रहिमुल्ला, प्रो. सेराज खान, प्रो. इरम अल्ताफ, प्रो. रहिमुल्लाह शशांक सुमन, अली फारूक आदि उपस्थित थे।