✍️परवेज़ अख्तर/सिवान: हुसैनगंज प्रखंड क्षेत्र के पकवलिया, रेनुआ, टेढ़ीघाट, हथौड़ा, सरेया, हुसैनगंज, बघौनी, दरवेशपुर, माहपुर एवं फरीदपुर गांव से होकर गुजरने वाली दाहा नदी जिसे बाणगंगा के नाम से भी जाना जाता है इसके किनारे लोगों द्वारा कचरा गिराए जाने से इस नदी का अस्तित्व मिटता जा रहा है। वहीं नदी प्रदूषित होती जा रही है। यह सब देखते हुए भी प्रशासन मौन है। बताया जाता है कि इस नदी के किनारे जितने भी शहर या गांव बसे हैं सभी जगहों के गंदी नालियों का पानी, सड़े गले फल, सब्जियां, अंडों को छिलके, कटे हुए मुर्गियों के पंख व अन्य प्रकार के कचरे बेरोकटोक नदी में गिराए जा रहे हैं।
प्रतिदिन इसे देखने के बावजूद प्रशासन भी मूकदर्शक बनी हुई है। इसी क्रम में हुसैनगंज से गड़ार को जोड़ने के लिए दाहा नदी पर पुलिया के निर्माण हुआ है। इसमें तीन पिलर से होकर पानी बहता है, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा बेरोकटोक कूड़े-कचरे फेंकने से इसका एक भाग करीब बंद हो चुका है जबकि पुलिया के पास ही शिव मंदिर भी स्थित है। बावजूद इस नदी की सफाई एवं जीर्णोद्धार के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधि भी निरुत्साहित दिखते हैं।