परवेज अख्तर/सिवान: यक्ष्मा उन्मूलन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2025 की प्राप्ति के लिए टीबी मुक्त पंचायत की परिकल्पना की गई है। विश्व यक्ष्मा दिवस पर 24 मार्च को राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदत्त निशुल्क सेवाओं, निक्षय पोषण योजना आदि के बारे में व्यापक जानकारी के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विश्व यक्ष्मा दिवस, निक्षय दिवस एवं आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर प्रतिमाह आयोजित स्वास्थ्य मेला जैसे अवसरों पर चिह्नित स्थानों पर योजनानुसार नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जा सकता है।
इसको लेकर अपर निदेशक-सह- राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, यक्ष्मा बिहार पटना डा. बाल कृष्ण मिश्र ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। नुक्कड़ नाटक की गुणवत्ता एवं प्रभावी उपयोगिता के लिए “टीबी उन्मूलन में पंचायत की भूमिका” का आलेख भेजा गया है। सिविल सर्जन डा. एके भट्ट ने बताया कि कोई भी लक्षण (एक या अधिक) पाये जाने पर डाक्टर से दिखाना जरूरी है। फेफड़ों के टीबी के निदान के लिए छाती का एक्स-रे एवं बलगम ( खराब) नमूने की जांच सरकारी अस्पताल में कराना चाहिए। टीबी एक गंभीर समस्या है, परंतु 9 से 18 महीने में नियमित उपचार से रोगी ठीक हो जाते हैं।