परवेज अख्तर/सिवान: रामचरितमानस में जीवन जीने का सार छुपा है। ऐसे लोग जो रामचरितमानस का विरोध करते हैं वे मानसिक रोगी हो सकते हैं। वे समाज के द्रोही हो सकते हैं। यह बातें बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय के पंडित दीनदयाल नगर में भाजपा नेता अनुरंजन मिश्रा के आवास पर संत शिरोमणि अश्वमेघ पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर उपेंद्र दास महाराज ने कही। रामनवमी जुलूस के पूर्व संध्या एक कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस से मनुष्य के जीवन में सुधार आता है। मनुष्य के जीवन की सारी बातें रामचरितमानस में छिपी हुई है। अगर मनुष्य रामचरितमानस का अध्ययन करता है तो उसके जीवन जीने की कला धन्य हो जाती है। मनुष्य का जीवन भी धन्य हो जाता है। मनुष्य को चाहिए कि रामचरितमानस के रहस्यों को आत्मसात करें जिससे उनका जीवन सुखी हो सके। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो स्वार्थ वश रामचरितमानस और सनातन ग्रंथों का अपमान करते हैं या उनकी लिखी हुई बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश करते हैं उनको दिग्भ्रमित कहा जाता है।
ऐसे दिग्भ्रमित लोग समाज में अपमान के पत्र हैं और समाज को दूषित और कलंकित कर रहे हैं। बड़हरिया के दीनदयाल नगर में कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन और वैदिक मंत्रोच्चार से किया गया गया तथा कार्यक्रम का समापन आरती के साथ की गई। महाराज ने सनातन के प्रति आस्था रखने वाले लोगों के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं बल्कि विश्व को हिंदू विश्व बनना चाहिए। हिंदू राष्ट्र में “सर्वे संतु निरामया” की वाणी पर काम किया जाता है। इसमें किसी भी तरह के लोगों को कष्ट न पहुंचे तथा भगवान राम के बताए गए आदर्शों पर चला जाए। उसे हिंदू राष्ट्र कहते हैं। इस अवसर पर भाजपा नेता अनुरंजन मिश्रा, पूर्व मुखिया सुनील कुमार चंदेल, विश्वनाथ यादव, अशोक शर्मा, भगवान दास महाराज, अरविंद श्रीवास्तव, राजेश गिरि, शंभू प्रसाद अभय शंकर सोनी आदि उपस्थित थे।