परवेज अख्तर/सिवान: बड़हरिया रोजा अदब का महीना है। यह बातें बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय स्थित मेन मस्जिद के मौलाना शाहिद नूर ने कही। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने फरमाया है कि इमान वाले तुम पर रोजे फर्ज किए गए हैं, जिस तरह तुमसे कहते हैं, करो। उन्होंने कहा कि पहले लोगों पर फर्ज किए गए थे, ताकी तुम उनकी और परहेजगार बन जाओ। रोजे में निहायत एहतमाम के साथ हर बुराई से दूर रहने की पूरी कोशिश कीजिए।
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इसलिए कि रोजे का मकसूद ही जिंदगी को पाकीजा बनाना है। रोजेदार जन्नत में एक मखसूस दरवाजे से दाखिल होंगे, उस दरवाजे का नाम रयान है, जब रोजेदार दाखिल हो चुकेंगे, तो वह दरवाजा बंद कर दिया जाएगा,फिर कोई और उस दरवाजे से नहीं जा सकेगा। उन्होंने कहा कि रोजे की तकलीफुन को हंसी खुशी बर्दाश्त कीजिए और भूख और प्यास की शिद्दत या कमजोरी की शिकायत कर रोजे की नकादरी ना कीजिये।