परवेज अख्तर/सिवान: बिहार में शुरू हुए जाति आधारित गणना में लोहार जाति के मूल कोड को कमार से साथ जोड़ने के खिलाफ लोहार समाज द्वारा गणना कार्य का बहिष्कार किया गया तथा मांगों का ज्ञापन बीडीओ को सौंपा। बीडीओ आनंद प्रकाश ने लोहार समाज के लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे सभी गणना कराने के लिए सहमत नहीं हुए। जिला विश्वकर्मा संघ के अध्यक्ष कृष्ण मोहन शर्मा ने बीडीओ को पत्र सौपने के बाद बताया कि खतियान में हमारे जाति का नाम लोहार दर्ज है तथा कमार का कोई वर्णन नहीं है अर्थात लोहार मूल जाति है। वर्तमान जनगणना में हमारी मूल जाति लोहार का कोड न देकर कमार जाति कोड दिया है जो पूर्णरूपेण गलत है।
जाति आधारित गणना हेतु बिहार सरकार द्वारा जारी जाति की सूची एवं कोड में लोहार जाति को मूल जाति नहीं माना गया है तथा अलग कोड जारी नहीं किया गया है। इस स्थिति में हमारा मूल जाति लोहार विलुप्त सा हो जाएगा, जो खतियान सहित पीढ़ी दर पीढ़ी सैकड़ों वर्षो से चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सूची में बिना संशोधन किए तथा लोहार को मूल जाति न मानकर गणना किया गया तो बिहार राज्य में लोहार जाति का अस्तित्व ही मिट जाएगा। जब तक लोहार जाति को मूल जाति नहीं मानी जाती है तब तक लोहार जाति के लोग जाति आधारित गणना में अपना गणना नहीं कराने का निर्णय लिया है।