✍️परवेज अख्तर/सिवान: जिले के आंदर प्रखंड के पतार स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में बुधवार को प्रधानाध्यापक प्रशांत कुमार सिंह की देखरेख में स्मार्ट क्लास के माध्यम से छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया व कालाजार बीमारी से बचाव के लिए जागरूक किया गया। प्रधानाध्यापक ने बताया कि कालाजार जानलेवा बीमारी है। यह बालू मक्खी के काटने से फैलता है। बालू मक्खी ग्रामीण क्षेत्रों में नमी वाली जगह व मकानों की दरारों में पाई जाती है। इससे बचाव के लिए सफाई व सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
कालाजार दो प्रकार का होता है। पहला विसलर लिसमेनियासिस (वीएल) है। 15 दिन से अधिक बुखार, भूख न लगना, खून की कमी, वजन घटना, रंग काला होना मुख्य लक्षण होते हैं। वहीं दूसरा पोस्ट कालाजार डरमल लिसमेनियासिस (पीकेडीएल) है। इसमें त्वचा पर सफेद धब्बा मुख्य लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया को हाथी पांव भी कहा जाता है। ये रोग मच्छर के काटने से होता है। इस मौके पर प्रमिला कुमारी, रामप्रसाद सिंह, पुष्पा कुमारी, प्रीति राय समेत आदि शिक्षक उपस्थित थे।