✍️परवेज़ अख्तर/सिवान:
शहर के गांधी मैदान में सोमवार को नौ दिवसीय श्रीराम कथा के सातवें दिन अंतरराष्ट्रीय कथावाचक राजन जी महाराज ने भरत मिलाप के प्रसंग को सुनाया तो उपस्थित श्रद्धालुजन के नयन छलक आए। राम और भरत के असीम स्नेह की बानगी को सरस और संगीतमय तरीके से उजागर कर राजन जी महाराज ने भाइयों के आपसी प्रेम का अद्भुत चित्रण किया। प्रेम और विश्वास के आपसी संबंध को उजागर करते हुए राजन जी महाराज ने कहा कि विश्वास कभी एकतरफा नहीं हो सकता है।जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर विश्वास करता हैं तो निश्चित तौर पर दूसरा व्यक्ति पहले व्यक्ति पर विश्वास करता है।
यह आपसी विश्वास ही पारिवारिक संबंधों में माधुर्य का रस घोलता है।जिससे परिवार में सुख शांति आती है और समृद्धि की तरफ परिवार बढ़ता है।प्रभु श्रीराम और भरत, दोनों भाई के बीच आपसी प्रेम और विश्वास का भाव सदियों तक समाज को एक शानदार संदेश देता रहेगा। राजन जी महाराज ने भरत मिलाप का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जिस व्यक्ति के पास दो तरह के व्यक्ति हो वह व्यक्ति अपने लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य कर सकता है।
एक व्यक्ति वह जो संदर्भित व्यक्ति के प्रति सब कुछ न्यौछावर कर सकता है और दूसरा व्यक्ति वह जो आज्ञा पालन के लिए सब कुछ कर सकता है।इसमें प्रथम तरह के व्यक्ति के सबसे सुंदर उदाहरण लक्ष्मण और द्वितीय व्यक्ति के सबसे सुंदर उदाहरण भरत हैं।इस दौरान प्रोफेसर रविंद्र पाठक,गोरेयाकोठी के विधायक देवेशकांत सिंह,भाजपा नेता धनंजय सिंह,आशुतोष कुमार चंदन,सुभाष प्रसाद आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। अतिथियों को राजन जी महाराज ने मंगल आशीष प्रदान किया।