✍️परवेज अख्तर/सिवान: जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को सुहागिनों ने वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा कर अखंड सौभाग्य व सुखी वैवाहिक जीवन की कामना की। इस दौरान महिलाएं लाल-पीले वस्त्र धारण तथा शृंगार कर पंखा, वस्त्र, कच्चा सूत, अक्षत आदि पूजा सामग्री के साथ नजदीक के वट वृक्ष के पास पहुंची तथा विधि विधान से वट वृक्ष की पूजा की, तत्पश्चात वृक्ष की 108 बार परिक्रमा कर कलावर बांधा। इस दौरान महिलाएं ब्राह्मणों से सावित्री, सत्यवान व वट वृक्ष की कथा का श्रवण किया तथा पति की लंबी आयु व अखंड सौभाग्य समेत परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। सुहागिन महिलाएं पूरे दिन उपवास रहकर ईश्वर की आराधना की।
पूजा को ले सुबह से ही महिलाओं की भीड़ देखी गई। इस पूजा को ले सुहागिनों में काफी उत्साह देखने को मिला। आंदर के पड़ेजी निवासी आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को वट सावित्री की पूजा की जाती है। आज के दिन विवाहित महिलाओं ने यमराज और माता सावित्री की पूजा की। साथ ही माता सावित्री के निमित्त व्रत भी रखा। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि वट सावित्री व्रत करने से विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह पूजा शहर के महादेवा, श्रीनगर, फतेहपुर, स्टेशन, शांति वट वृक्ष आदि जगहों पर की गई। इसके अलावा बसंतपुर, भगवानपुर हाट, लकड़ी नबीगंज, महाराजगंज, दारौंदा, मैरवा, बड़हरिया, गुठनी, सिसवन, हुसैनगंज, हसनपुरा, रघुनाथपुर, आंदर, दरौली, नौतन, जीरादेई, पचरुखी आदि प्रखंडों के विभिन्न गांवों में की गई।