✍️परवेज़ अख्तर/एडिटर इन चीफ:
सिवान के पूर्व एमएलसी प्रत्याशी रईस खान ने आज शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया।और जेल जाते समय उन्होंने अपने आप को निर्दोष बताया।यहां बताते चले कि रईस खान जो सिसवन थाने में पदस्थापित डीएपी जवान बाल्मीकि यादव की हत्याकांड में नामजद आरोपी थे।दर्ज प्राथमिकी के बाद वे लंबे अरसे से न्यायालय के फाइलों में फरार चल रहे थे।आज वे शुक्रवार को अपने अधिवक्ता श्री इष्टदेव तिवारी के साथ माननीय न्यायालय सिवान में आत्मसमर्पण कर दिया।जहां से इन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में कड़ी सुरक्षा के बीच मंडल कारा भेज दिया गया।गौरतलब हो कि सिसवन थाना पुलिस गश्त में निकली हुई थी तभी बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी।इसी क्रम में गोली लगने से सिसवन थाना में पदस्थापित डीएपी जवान बाल्मीकि यादव की मौत हो गई थी।इसके बाद सिसवन थाने में सुसंगत धाराओं के अंतर्गत एक नामजद प्राथमिकी दर्ज किया गया था।
जो अभी अनुसंधान अंतर्गत है। दर्ज प्राथमिकी में मोहम्मद आफताब,अभय यादव,वीरेंद्र राम के साथ रईस खान नामजद आरोपी थे।इस मामलें में मोहम्मद आफताब,अभय यादव, वीरेंद्र राम जो इस मामले में जेल में बंद हैं।वहीं आरोपित रईस खान लगातार अपनी अग्रिम जमानत लेने के लिए निचली अदालत से लगातार प्रयास कर रहे थे।लेकिन निचली अदालत ने इन्हें अग्रिम जमानत न दी।उसके बाद रईस खान ने पुनः अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का शरण लिया।उसके बाद भी हाई कोर्ट से उन्हें जमानत नहीं मिली।अंततः उन्होंने माननीय न्यायालय का सम्मान करते हुए शुक्रवार को वरीय अधिवक्ता श्री इष्टदेव तिवारी के साथ माननीय न्यायालय सिवान में आत्मसमर्पण कर दिया।जहां उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच सिवान जेल भेज दिया गया।पूर्व एमएलसी प्रत्यासी रईस खान ने पत्रकारों से बातचीत के क्रम में बताया कि पुलिस द्वारा दो अलग – अलग मामला में गलत ढंग से मुकदमा कर मुझे परेशान किया जा रहा था।
इसी मामले में मैंने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया हूँ।रईस खान ने बताया कि ग्यासपुर गांव में गस्ती के दौरान पुलिस पर हमला हुआ था।जिसमे एक सिपाही को गोली लगी थी और उसी क्रम में उनकी मौत हो गयी थी।जिसमे पुलिस के अनुसार मुझे मुख्य आरोपी बना कर केस दर्ज कर फंसाया गया है।वहीं रईस खान ने अपने ऊपर हुए 147 से हमला मामले तथा गस्ती के दौरान पुलिसकर्मियों पर हुए हमला की उच्चस्तरीय जांच कर सोशल मीडिया के जरिए आज उन्होंने न्याय की गुहार लगायी है।उन्होंने कहा कि इन सभी बिंदुओं पर कोई भी उच्च अधिकारी जांच करने को तैयार नहीं है। जबकि इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।इस संदर्भ में उच्च स्तरीय जांच हेतु कई वरीय पुलिस पदाधिकारी को पूर्व में आवेदन के माध्यम से न्याय की गुहार लगाते रहे। परंतु उस आवेदन के आलोक में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।