परवेज अख्तर/सिवान: जिले के हुसैनगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित ई किसान भवन में शनिवार से किसानों के बीच ढैंचा बीज का वितरण किया गया। इस मौके पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि गेहूं फसल की कटने के बाद खाली खेत में ढैंचा के बीज की बोआई करने से किसानों को अनेकों लाभ प्राप्त होते हैं। ढैंचा का बीज गेहूं कटने के बाद खाली खेतों लगाया जा सकता है। ढैंचा की खेती से खेतों में मित्र जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि होती है जिससे अगली फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है। ढैंचा बोआई के करीब 40 दिन के बाद उसे खेत में पलटवा कर पानी में सड़ाकर खाद बनाया जाता जाता है। इससे अगली धान की फसल में कम यूरिया की जरूरत पड़ती है।
साथ ही ढैंचा की हरी खाद बनाने पर खेतों में खरपतवार की संभावना भी कम होती है। ढैंचा की बोआई से नाइट्रोजन के साथ-साथ फास्फोरस एवं पोटाश की भी आपूर्ति हो जाती है जिससे फसलों को आवश्यक पोषक तत्व की प्राप्ति हो जाती है। साथ ही यह बड़ा होने पर जलावन के काम में भी आता है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि सरकारी दर पर ढैंचा बीज वितरण किया जा रहा है। शनिवार को 8 किसानों के बीच ढैंचा बीज का वितरण किया गया है। इस अवसर पर अरविंद कुशवाहा, कृषि समन्वयक सह बीज प्रभारी राजेश कुमार, कृषि समन्वयक राजीव रंजन, कन्हैया तिवारी, हरेंद्र प्रसाद उपस्थित थे।