परवेज अख्तर/सिवान: जिले के हुसैनगंज प्रखंड क्षेत्र के 15 पंचायतों के लिए 2 जिप सदस्य, 15 मुखिया,15 सरपंच एवं 20, बीडीसी एवं 184 ग्राम पंचायत सदस्य,तथा 184 ग्राम कचहरी पंच का पद सृजित कर 2021 में चुनाव कराया गया था। इसमें 1 वार्ड सदस्य एवं 13 पंच पद किसी ने नामांकन नहीं कराया था। बाद में एक वार्ड सदस्य ने जून 2022 में इस्तीफ़ा दे दिया था। इससे दो वार्ड सदस्य एवं 13 पंच पद खाली हो गया है। इसके लिए उप चुनाव में बघौनी वार्ड संख्या 4 के लिए दो उमीदवार एवं रसूलपुर वार्ड संख्या 9 के लिए तीन उमीदवारों ने नामांकन कराया है। साथ ही 9 पंचायतों में रिक्त 13 पंच पदों के लिए केवल 10 उमीदवारों ने नामांकन कराया है। आगामी 25 मई को दो वार्ड सदस्यों के लिए सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान कराये जाएंगे इसके लिए प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर है।
तीन पंचायत के तीन वार्डों में नहीं मिले पंच परमेश्वर
एक जमाना था की पंच परमेश्वर के बिना कोई भी छोटी से छोटी निर्णय लेना अनुचित समझा जाता था। इसके लिए पंच परमेश्वर की राय सर्वोपरि होती थी।इसके महत्व को देखते हुए सरकार ने पंच पद का सृजन किया गया था। इसके लिए निर्वाचित पंचों को पांच सौ रुपये प्रति माह मानदेय भी दिया जाता है।किन्तु धीरे धीरे इसपर विराम लगना शुरू हो चुका है।हुसैनगंज प्रखण्ड में होने वाले उप चुनाव में 13 पदों में केवल 10 पंच पद पर नामांकन हुआ है। तथा सभी निर्विरोध हो चुके हैं। वहीं सिधवल पंचायत के वार्ड 9, छपियाँ बुजुर्ग के वार्ड 12 एवं बड़रम के वार्ड 13 के लिए नहीं मिले पंच परमेश्वर दस में तीन वार्ड अभी भी खाली रह गया है। किसी ने नामांकन कराना उचित नहीं समझा है। जबकि दो पंचायत में दो वार्ड सदस्य हेतू पांच उमीदवार मैदान में उतर चुके हैं। आख़िरकार जिप, मुखिया, सरपंच, बीडीसी एवं वार्ड सदस्य हेतू मारामारी एवं पंच के लिए इतना निरुत्साह क्यों? सरकार के लिए यह एक सोचनीय विषय है।