परवेज अख्तर/सिवान: जिले के बड़हरिया प्रखंड के जोगापुर कोठी पटेल नगर में रविवार को स्वतंत्रता सेनानी, लेखक, कवि पं. रामप्रसाद बिस्मिल की जयंती मनाई गई। इस मौके पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया गया तथा उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया गया। समाजसेवी सह मास्क मैन राजेश पटेल उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंडित राम प्रसाद बिस्मिल उन जाने-माने भारतीय आंदोलनकारियों में से एक थे, जिन्होंने ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। उन्होंने 19 वर्ष की आयु से ‘बिस्मिल’ उपनाम से उर्दू और हिंदी में देशभक्ति की सशक्त कविताएं लिखनी आरंभ कर दी थी। वे एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत।
बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कविताएं लिखते थे।् उन्होंने ‘मेरा जन्म’ शीर्षक से एक कविता लिखी और उसे स्वामी सोमदेव को दिखाया। इस कविता में देश को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्ति दिलाने की प्रतिबद्धिता दिखाई दी। उसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और सन् 1916 में कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन के दौरान कांग्रेस के नरम दल के विरोध के बावजूद लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की पूरे लखनऊ शहर में शोभा यात्रा निकाली। इसी अधिवेशन के दौरान उनकी मुलाकात केशव बलिराम हेडगेवार, सोमदेव शर्मा व मुकुंदीलाल आदि से हुआ। इसके बाद कुछ साथियों की मदद से उन्होंने ‘अमेरिका की स्वतंत्रता का इतिहास’ नामक एक पुस्तक प्रकाशित की जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रकाशित होते ही प्रतिबंधित कर दिया। इस मौके पर नवीन सिंह पटेल, रजत कुमार, शुभम कुमार, आकाश कुमार, उदय कुमार, मोहित कुमार, आराध्या पटेल, वीरबल प्रसाद आदि उपस्थित थे।