परवेज अख्तर/सिवान : मंडल कारा में गठित विशेष अदालत में गुरुवार को मो. शहाबुद्दीन से जुड़े कुल 10 मामलों की सुनवाई की गई। विशेष अदालत के विशेष सत्र न्यायाधीश बीके शुक्ला की अदालत में पांच मामलों की सुनवाई की गई, जबकि विशेष न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार मिश्र की अदालत में पांच मामले सुने गए। विशेष सत्र न्यायाधीश बीके शुक्ला की अदालत में भाजपा कार्यकर्ता योगेंद्र पांडेय की हत्या से जुड़े मामले में मृतक योगेंद्र पांडेय के बड़े भाई राधेश्याम पांडेय और गवाही हेतु अदालत में उपस्थित हुए, लेकिन बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार राजन के शहर से बाहर होने तथा वीडियो कॉंफ्रेंसिंग में तकनीकी गड़बड़ी के चलते मामले के अभियुक्त मो. शहाबुद्दीन की अनुपस्थिति की वजह से गवाह राधेश्याम पांडेय का जिरह नहीं हो सका। इसी अदालत में राजीव रोशन हत्याकांड, राजीव रोशन हत्याकांड से ही जुड़े दो अभियुक्तों अखलाक एवम चंदन के मामले, वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज सिंह के भाई मृत्युंजय सिंह की हत्या से जुड़े मामले एवं कमरुल हक अपहरण कांड मामले में आंशिक सुनवाई की गई। उधर विशेष न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार मिश्र की अदालत में तत्कालीन भाजपा नेता शंभू प्रसाद के साथ मारपीट से जुड़े मामले में बचाव पक्ष की ओर से बहुत होना था, किंतु बचाव पक्ष की ओर से मो. शहाबुद्दीन के अधिवक्ता अभय कुमार राजन के शहर से बाहर होने की वजह से बचाव का पक्ष रख रहे अधिवक्ता मो. मोबीन ने अदालत में बहस हेतु एक दूसरा समय का निवेदन किया,जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। अदालत ने मामले में बहस हेतु दूसरी तिथि निर्धारित कर दिया। इसी अदालत में चार अन्य मामले सुनवाई के लिए लंबित थे, जिनमें आंशिक सुनवाई की गई। अदालत में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश सिंह, सहायक लोक अभियोजक रघुवर प्रसाद तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मो. मोबीन एवं अन्य उपस्थित थे।
राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के 10 मामलों की हुई सुनवाई
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