परवेज अख्तर/सिवान: शहर के महावीरी पथ मखदुम सराय में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय के सेवा केंद्र परमात्म दर्शन भवन में शनिवार को संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मम्मा की 58 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। तत्पश्चात सभी ने मम्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित किया ।
इस अवसर पर मम्मा के जीवन पर चर्चा करते हुए राजयोगिनी बीके सुधा बहन ने बताया कि 24 जून 1965 का वह दिन यज्ञ में काफी महत्वपूर्ण था जिस दिन यज्ञ माता संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका जगदंबा सरस्वती जिन्हें सभी प्यार से मम्मा कहते हैं उन्होने अपना व्यक्त शरीर त्यागकर अव्यक्त वतन वासी बनी जो सभी को अव्यक्त विशेष स्थिति तक ले जाने की नियमित बनी।
आज इस अवसर पर उनके नक्शे कदम पर चलना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। ज्ञान की धारणा इतनी पक्की थी कि जो धारणा नहीं कर पाते थे वह भी उनसे बात करते तो मम्मा उनको तो युक्तियां बताती ही साथ में शक्ति देती तो वह भी धारणा मूर्त बन जाते। मौके पर प्रेम भाई, डा. पी के गिरी, डा. आशुतोष कुमार सिन्हा, डा. विनय भूषण सिंह, डा. जे एन प्रसाद, सुभाष भाई, निर्मल भाई, अनिल भाई आदि थे।