सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है चार लाख नियोजित शिक्षकों की निगाहें
समान काम समान वेतन पर फैसला आज
परवेज़ अख्तर/सीवान(जीरादेई):- समान काम समान वेतन के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आने वाला है। इस फैसले को लेकर राज्य के चार लाख शिक्षकों की निगाहें टिकी हुई हैं। बतौर नियोजित शिक्षकों के सम्मान व अस्मिता की निर्णायक जीत के लिए केस में मुख्य याचिकर्ता उपेंद्र राय व परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कुमार के नेतृत्व में दर्जनों शिक्षक नेता दिल्ली में कैम्प किये हुए हैं। बता दें कि न्याय की निर्णायक लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए हर पहलूओं पर बारीकी से आकलन करते हुए सभी तैयारीयां पूरी कर ली गई है। ग़ौरतलब है कि 29 जनवरी को सुनवाई के दौरान जस्टिस आदर्श कुमार गोयल व उदय उमेश ललित की खंडपीठ ने 15/03/18 के पहले बिहार सरकार को यह आदेशित किया था कि प्रधान सचिव स्तर की तीन सदस्यी कमिटी बनाकर समान काम समान वेतन देने के मामले पर स्पष्ट जानकारी व सही-सही आंकड़ा उपलब्ध करायें। इस बावत राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सरकार द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिलाध्यक्ष राजीव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा प्रस्तुत सुझाव तथ्यहीन, भ्रामक व असंवैधानिक है। उन्होंने बताया कि महासंघ सरकार की प्रत्येक चाल को नाकाम करने के लिए प्रतिबद्ध है। बावजूद इसके रिपोर्ट के अनुसार शिक्षक नेता लागातार वकीलों से सम्पर्क में रहकर आवश्यक कागजात एवं साक्ष्य जुटा लिया गया हैं। साथ ही हर पहलूओं पर नजर रखे हुये है। जिला महासचिव रामप्रीत विद्यार्थी ने तीव्र भर्त्सना करते हुए कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ वर्षों से भेदभाव पूर्ण नीति अपनाती आ रही है। बतौर शोषित शिक्षक सड़क से सदन व कोर्ट में लड़ते आ रहे हैं। उन्होंने बड़ी उम्मीद व विश्वास के साथ कहा कि देश के सबसे बड़े न्याय के घर से नि: संदेह नियोजित शिक्षकों को जीत मिलेगी। मौके पर राज्य कार्यकारिणी सदस्य राजीव कुमार, राजेश यादव, अजय कुमार, विपिन मिश्रा, विजय कुमार पाल, गुल मोहम्मद, राजन कुमार भारती, ललन यादव, राधेश्याम यादव, मोहम्मद तौसीफ, अनिल कुमार राम, पुष्पेंद्र कुमार राम, नरसिंह कुमार, रूपेश कुमार राय, केशव राम, अमित कुमार सिंह, अनिल कुमार सिंह, जितेन्द्र कुमार यादव, हरिनाथ यादव, शैलेश कुमार सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्तिथ थे ।