परवेज अख्तर/सिवान: भोजपुरी विकास मंडल के तत्वावधान में कन्हैयालाल जिला केंद्रीय पुस्तकालय के सभाकक्ष में सोमवार को शिक्षक सह साहित्यकार भोजपुरी शिरोमणि अक्षयवर दीक्षित की जयंती मनाई गई। समारोह की अध्यक्षता युगल किशोर दुबे और संचालन मार्कंडेय ने की। सर्वप्रथम उपस्थित भोजपुरी प्रेमियों ने दीक्षित के चित्र पर माल्यार्पण किया। भोजपुरी विकास मंडल के पूर्व उपाध्यक्ष सह पूर्व प्राचार्य ब्रजदेव सिंह यादव एवं मशहूर शायर एहसान सिवानी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर भोजपुरी कवि लायची हरी राही एवं देवतानंद मुंहफट को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मार्कंडेय ने कहा कि दीक्षित केवल दर्जनों पुस्तकों के लेखक एवं संपादक ही नहीं थे।
वे कुशल संगठन कर्ता भी थे। अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन का तीसरा अधिवेशन इसका प्रमाण है। 1765 के बागी फतेह बहादुर शाही की जीवनी, कंपनी कापती रही लिखकर इतिहासकारों को आईना दिखाया। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष वागिंन्द्र नाथ पाठक ,मनोज वर्मा, रामनरेश सिंह ने अपने छात्र जीवन के संस्मरण को साझा करते हुए उन्हें आचार्य शिवपूजन सहाय के परंपरा के शिक्षक एवं साहित्यकार बताया। इस अवसर पर अखिलेश पांडे, गणेश दत्त पाठक, प्रो उपेंद्र नाथ यादव, डा. इरशाद अहमद, डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव, उपेंद्र कुमार यादव शिक्षक, अखिलेश्वर दीक्षित एवं भोगेंद्र झा अपने विचार व्यक्त किए।