✍️परवेज़ अख्तर/एडिटर इन चीफ:
राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 को लेकर केंद्र सरकार द्वारा एक विशेष पहल की गई है। उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई है। राज्य के जिन छह जिलों में इसकी शुरुआत की गई है, इसमें जिले को भी शामिल किया गया है। इस संबंध में सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि सिकल सेल एक आनुवांशिक रोग है। जो माता पिता से बच्चों में हस्तांतरित होता है। इस रोग में व्यक्ति को सुस्ती थकान, शरीर, छाती में दर्द, कमजोरी, खून की कमी जैसी जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। यह स्थिति पूरे जीवन काल में बनी रहती है। यह रोग अनुवांशिक है। इसकी रोकथाम के लिए विवाह से पूर्व इसकी जांच और जानकारी रखना बहुत जरूरी है। इस अभियान में इसी को ध्यान में रखते हुए सिकल सेल गोल्डन कार्ड मरीज के लिए बनाया जा रहा है। इस गोल्डन कार्ड में मरीज की जानकारी के साथ-साथ यह भी उल्लेखित है कि मरीज को किस प्रकार के व्यक्ति से विवाह करना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्क्रीनिंग के जरिए लोगों को इस घातक बीमारी से बचाया जा सकता है। गर्भावस्था के 10 सप्ताह के अंदर सिकल सेल और थैलेसीमिया की जांच कराने से बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है।
इस बीमारी के प्रमुख लक्षण :
अंगों की क्षति, संक्रमण, शरीर के विभिन्न हिस्सों में तेज दर्द, खून की कमी या एनीमिया, हाथ और पैरों की सूजन, ग्रोथ और प्यूबर्टी में देरी होना, दृष्टि संबंधी समस्याएं, थकान महसूस होना आदि सिकल सेल एनीमिया के प्रमुख लक्षण हैं।