परवेज अख्तर/सिवान: जिले के हुसैनगंज प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में धान के बिचड़े रोपनी के लिए लगभग तैयार हो चुके हैं लेकिन मानसून कमजोर पड़ कमजोर पड़ जाने से वर्षा नहीं हो रही है। हालांकि आसमान में बादल छाए हुए हैं बावजूद इसके तापमान 34 से 35 डिग्री तक बरकरार है। वर्षा नहीं होने से धान की रोपनी भी पिछड़ती जा रही है। एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी कर दशा और दिशा सुधारने की दंभ भर रही है तथा इसके लिए कई प्रकार की लाभकारी योजनाएं भी चला रही है लेकिनधरातल पर वह कितना सफल हो रहा है। इसकी सुधी लेने में कहीं न कहीं सरकारी महकमा असफल साबित होता दिखाई दे रहा है। इसी कड़ी का एक पहलू है सिंचाई विभाग द्वारा किसानों को सस्ती दरों पर सिंचाई उपलब्ध कराना जो नाकामयाब साबित हो रहा है। प्रखंड क्षेत्र के हरिहांस, गोपालपुर सहित अन्य गांवों में सिंचाई विभाग द्वारा खेतों की सिंचाई के लिए दो दर्जन से ज्यादा नलकूपों का निर्माण करीब 15 वर्ष पूर्व कराया गया था। इसके लिए बोरिंग, समरसेबल पंप, डीजल इंजन, शेड का निर्माण, पाइप लाइन बिछाने में करोड़ों की लागत आई होगी।
कुछ दिनों के बाद हर जगह की मोटरपंप की चोरी हो गई है। उसके बाद बिजली से चलाने के लिए सारी व्यवस्था की गईं। पंप हाउस के पास खंभे गाड़कर तार खिंचा गया, ट्रांसफार्मर भी लगाया गया लेकिन ये सारी व्यवस्था धरातल पर टांय टांय फीस साबित हो रही है। करोड़ों रुपये सरकार इस योजना पर खर्च कर चुकी है लेकिन यह परियोजना पूरी तरह फेल साबित हुई है। इसके निर्माण को देखकर किसानों को आस जगी कि अब सस्ते दर पर खेतों की सिचाई हो पाएगी लेकिन उनकी सोच केवल सपना ही साबित हुआ। डीजल का भाव आसमान छू रहा है। ऐसे में बेबस किसान 100 रुपये लीटर डीजल खरीदकर सिंचाई करने पर मजबूर हैं। किसान शिवबचन ने बताया कि आज भाड़े पर 200 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से पंपसेट से पानी चलाया जा रहा है। सरकार को चाहिए कि नलकूपों को शीघ्र चालू कराए ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।