परवेज अख्तर/सिवान: जिले के गुठनी प्रखंड में शुक्रवार व शनिवार को हुई वर्षा के बाद सरयू नदी के जल स्तर में आंशिक वृद्धि देखने को मिली। हालांकि धान की फसलों के लिए यह वर्षा संजीवनी साबित हो रही है। शनिवार की दोपहर सरयू का जलस्तर दरौली में 59.080 मीटर मापा गया जबकि दरौली में खतरे का निशान 60.82 मीटर निर्धारित है। अर्थात दरौली में सरयू नदी खतरे के निशान से अभी 1.738 मीटर नीचे है। वहीं सिसवन में सरयू नदी का जलस्तर 53.989 मीटर मापा गया, जबकि यहां खतरे का निशान 57.04 मीटर निर्धारित है अर्थात सिसवन में सरयू नदी का जल स्तर अभी खतरे के निशान से 3.051 मीटर नीचे है। वहीं बाढ़ विभाग के गुठनी प्रक्षेत्र के जेई रत्नेश कुमार रवि ने बताया कि विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयारी की गई है।
बांध पर निगरानी के लिए नहीं है किसी की तैनाती :
बरसात आते ही बाढ़ बिभाग के पदाधिकारियों की नींद टूट जाती है। हालांकि पहले जुलाई से नवंबर तक सोहागरा से सिसवन तक होमगार्ड के जवानों की तैनाती की जाती थी जिससे बांध की निगरानी के साथ जलस्तर पर भी लगातार नजर रहती थी। बाढ आने की स्थिति में स्थानीय लोगों को सूचना देने में काफी सहूलियत होती थी। लेकिन बाढ विभाग के पदाधिकारीयों द्वारा होमगार्ड की तैनाती बंद कर दिया गया। पदाधिकारियों का यें भी यहना है की बाँधो की निगरानी के लिए मजदूरो को रखा गया है।लेकिन सच्चाई यें है की सोहागरा से सिसवन तक किसी भी मजदूर की तैनाती नहीं किया गया है। यदि तैनाती किया भी गया होगा तों केवल बांढ बिभाग के पदाधिकारीयों के फाइलो तक ही किया गया होगा। तीर बलुआ के लोगों का कहना है कि बांधों की निगरानी के लिए किसी तरह के लोगों की तैनाती नहीं किया गया है।