- दो नलकूपों के पुनर्निर्माण के बावजूद भी बंद , सैकड़ों एकड़ से अधिक भूमि पर होती है धान की खेती
- करीब चालीस गांव के किसानाें की खेती है निर्भर
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के गुठनी प्रखंड में नलकूप खराब होने से किसानों को सिंचाई में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मजबूरन अधिकतर किसान पंपसेट के सहारे ही धान की रोपाई कर रहे हैं। प्रखंड मुख्यालय के कई जगहों पर वर्षों से नलकूप बंद पड़े हैं। जिन पर आज तक नलकूप विभाग के आला अधिकारियों तक की नजर नहीं पड़ी है। नलकूप विभाग के तरफ से प्रखंड मुख्यालय में करीब छह जगहों पर मोटर युक्त नलकूप लगाया गया है। इसमें तिरबलुआ, योगियाडीह, गुठनी पूर्वी, गुठनी पश्चिमी, धर्मपुर, सोनहुला में नलकूप आज से करीब तीन दशक पूर्व बनकर तैयार हुए थे। इससे सिंचाई का पानी उपलब्ध हो जाता था और इस क्षेत्र के किसान हर मौसम में अच्छी खेती करते थे। विगत एक दशक से नलकूप खराब होने से किसानों के साथ-साथ आम आदमी को भी काफी परेशानी हो रही है। ग्रामीण दिलीप सिंह, कुसुम पांडेय, विनोद सिंह, मोहित सिंह, रहीमुद्दीन अंसारी, इमामुद्दीन अंसारी, आत्मा तिवारी सहित किसानों ने नलकूप चालू कराने के लिए एक व्यापक स्तर पर अभियान चलाने की बात कही है।
नलकूपों को मिली थी चालू करने की स्वीकृति :
विभाग ने बंद पड़े नलकूपों की स्थिति सरकार को भेजी है। इसके बाद जिले में सात नलकूपों को चालू करने की स्वीकृति विभाग ने दी थी इनमें गुठनी में दो, मैरवा में एक, नौतन में चार नलकूपों को चालू किया गया है। इसके बनाने में कुल 1.79 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, इसके बावजूद भी नलकूप चालू नहीं हुआ। इस संबंध में सीओ शंभू नाथ राम ने बताया कि विभाग को इसकी सूचना दे दी गई है। ज्ञात हो कि प्रखंड में किसानों द्वारा 500 हेक्टेयर भूमि में खरीफ फसल की खेती होती है। इसमें धान, मक्का, मूंगफली, बाजरा, सावा, मड़आ की खेती शामिल है। वहीं जिन गांव में धान और मक्के की खेती होती है उनमें सेलौर, बेलौर, केलहुरुआ, कोढ़वलिया, ओदिखोर, बजीदही, सुरुआर गुंडी, कुडे़सर, चकिया, भलुआ, पचनेरुआ, रेवासी, खाप जतौर, जतौर, बलुआ, ग्यासपुर, मैरिटार, बसुहारी, किशनपुरा, तिरबलुआ गांव शामिल हैं।