परवेज अख्तर/सिवान: जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के कौड़ियां टोले लिलही के एक युवक की पिटाई के बाद हुई मौत के बाद गांव में तनाव व्याप्त था। वहीं पुलिस पर हमला करके तीन पुलिस पदाधिकारियों एवं एक जवान को घायल करने के बाद पुलिसिया कार्रवाई के भय से गांव के लोग अपने-अपने घर को छोड़कर फरार हो गए हैं। पुलिस के भय से पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। ज्ञात हो कि घटना के बाद रोहित का शव पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही गांव पहुंचा स्वजन एवं ग्रामीण शव को एनएच 227 ए पर रखकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। इससे करीब लगभग तीन घंटे सड़क जाम हो गया। इससे आवागमन बाधित हो गया। सड़क जाम हटाने गई पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने हमला बोल दिया जिससे दो पुलिस पदाधिकारी एसआइ रवि कुमार और एएसआइ शैलेश कुमार घायल हो गए।
वहीं सोमवार की रात में शरारती तत्वों के एकत्रित होने की खबर पर पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों ने पुन: हमला बोल दिया इसमें एएसआइ कृष्णा राम, सिपाही दीपक कुमार और दारौंदा थाना के होमगार्ड जवान ओमप्रकाश यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। हमलावरों ने कई पुलिस वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस मामले में थानाध्यक्ष संजीव कुमार के बयान पर 18 लोगों को नामजद तथा 200 अज्ञात लोगों के विरुद्ध सड़क जाम करने तथा पुलिस पर हमला करने के आरोप में प्राथमिकी की गई है। प्राथमिकी के बाद पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी में जुट गई है।वहीं पुलिस द्वारा प्राथमिकी करने के बाद गिरफ्तारी के भय से सभी नामजद आरोपित गांव छोड़ फरार हो गए हैं। वहीं दो सौ अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी होने की खबर पर गांव के कई घरों के लोग घर में ताला लगा पुलिस के भय से अन्यत्र चले गए हैं।
घटना के बाद गांव में चर्चा का बाजार गर्म :
17 जुलाई को युवक की मौत के बाद पुलिस और पब्लिक के बीच दो-दो बार हुई झड़प में पुलिस पदाधिकारियों एवं ग्रामीणों का जख्मी होना लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। सभी जगह चर्चा हो रही थी कि पुलिस पर हमला करना उचित नहीं है। चर्चा के अनुसार लोगों का मानना है कि पुलिस सड़क जाम हटाने गई थी। उस स्थिति में पुलिस पर हमला करना गलत है। यह भी चर्चा है कि पुलिस को इतनी जल्दी क्या थी कि घटना की रात में ही हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए गांव में छापेमारी शुरू कर दी, जबकि बड़ी-बड़ी घटनाओं में पुलिस प्राथमिकी करने के बाद स्थिति को देखते हुए कार्रवाई करती है।
दूसरे दिन शाम में रोहित का शव का हुआ अंतिम संस्कार :
17 जुलाई को पड़ोसियों की पिटाई से रोहित कुमार की मौत हो गई थी। सोमवार को रोहित का शव पोस्टमार्टम कर घर पर रखा गया था। साथ ही स्वजन व ग्रामीणों द्वारा 17 जुलाई को ही एनएच 227 ए पर शव रख जाम व प्रदर्शन किया गया था। बाद में एसडीपीओ पोलस्त कुमार के समझाने-बुझाने के बाद सड़क जाम खत्म हुआ था। इसके बाद स्वजन शव को घर लेकर चले गए, लेकिन उसका का दाह संस्कार नहीं किए। दूसरे दिन मंगलवार की शाम में सामाजिक लोगों के समझाने-बुझाने के बाद शव अंतिम दाह-संस्कार किया गया।