परवेज अख्तर/सिवान: नौ सूत्री मांगों को ले आशा का धरना प्रदर्शन सोमवार को 13वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान अस्पताल में इमरजेंसी सेवा काे छोड़कर सभी कार्य बाधित रहा। इससे ओपीडी समेत इलाज कराने आए मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा या फिर निजी अस्पतालों का शरण लेना पड़ा। धरना प्रदर्शन कर रही आशा का कहना था कि सरकार जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं करेगी अस्पताल में कोई कार्य नहीं होने दिया जाएगा।
उनकी मुख्य मांगों में मानदेय एक हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने, सरकारी संकल्प के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2019-20 अप्रैल से नवंबर तक की मासिक एक हजार रुपये बकाया राशि भुगतान करने, कोरोना काल की ड्यूटी के लिए 10 हजार रुपये कोरोना भत्ता भुगतान करने, राशि भुगतान में भ्रष्टाचार खत्म करने, आशा को पोशाक राशि का भुगतान करने, 20 दिन की जगह पूरे माह का भ्रमण भत्ता भुगतान करने, सरकारी कर्मचारी घोषित करने समेत नौ मांगें शामिल हैं।
दारौंदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रदर्शन का नेतृत्व प्रखंड अध्यक्ष सुशीला देवी, महाराजगंज में नीलम कुमारी, बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पुष्पा कुमारी, हसनपुरा में दुर्गावती देवी, हुसैनगंज में प्रखंड अध्यक्ष रंजू देवी, भगवानपुर हाट में मालती कुंवर व मीरा देवी, लकड़ी नबीगंज प्रखंड अध्यक्ष नूरजहां खातून, गोरेयाकोठी में अनीता देवी, बड़हरिया में माया देवी, गुठनी में रीता देवी, आंदर में माधुरी देवी तथा सिसवन में मीना देवी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया।