परवेज अख्तर/सिवान: जिले के आंदर व हसनपुरा में बुधवार को कारगिल दिवस मनाया गया। इस मौके पर कारगिल युद्ध में बलिदान हुए बलिदानी आंदर के चित्तौर निवासी रंभू सिंह एवं हसनपुरा के महुअल महाल निवासी हरेकृष्ण राम की समाधि व प्रतिमा पर माल्यार्पण का श्रद्धांजलि दी गई तथा उन्हें नमन किया गया।जानकारी के अनुसार आंदर प्रखंड के चित्तौर स्थित राजकीय कन्या मध्य विद्यालय परिसर में बुधवार को बलिदानी रंभू सिंह का शहादत दिवस कारगिल दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर बलिदानी की पत्नी सुनीता देवी उनके समाधि एवं स्मारक पर पूजा अर्चना करने के बाद उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित तथा माल्यार्पण कर नमन किया। मौके पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति का नारा लगाते हुए भक्ति गीत भी प्रस्तुत किए। इस मौके पर छात्र-छात्राओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।
इस मौके पर बलिदान की पत्नी ने प्रखंड के पदाधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि देश की रक्षा करते हुए मेरे कारगिल युद्ध में बलिदान हो गए थे। उनके बलिदान के करीब 24 वर्ष हो गए, लेकिन आज तक प्रखंड से कोई अधिकारी उनका शहादत दिवस मनाने नहीं आता जो काफी खेद का विषय है। इस मौके पर कुंज बिहारी सिंह, सुशील गुप्ता, अमर कुशवाहा, सत्येंद्र भगत, शिक्षक उमरावती कुमारी, संदीप कुमार सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राओं ने उन्हें बलिदानी रंभू सिंह को नमन किया। वहीं दूसरी ओर हसनपुरा प्रखंड के महुअल महाल में बलिदानी हरेकृष्ण राम के समाधि पर मुखिया प्रभुनाथ यादव के नेतृत्व में पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
मौके पर मुखिया ने कहा कि हमारे देश के इतिहास में हरेकृष्ण राम का नाम हमेशा सम्मान के साथ लिया जाएगा। यह क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। पुष्प अर्पित करने वालों में मनन मिश्रा, श्यामलाल राम, नीलकमल मिश्रा, गुदन यादव, अरुण लाल श्रीवास्तव शामिल थे। मुखिया ने कहा कि कारगिल युद्ध के 24 वर्ष बाद भी उनकी समाधि पर प्रतिमा नहीं लगाई गई जो खेद का विषय है। यहां कारगिल दिवस पर ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों द्वारा ही सिर्फ परंपरा का निर्वहन किया जाता है। बलिदानी को श्रद्धांजलि देने यहां प्रशासन के कोई पदाधिकारी या कर्मी नहीं आते। इसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी देखी जाती है।