✍️परवेज़ अख्तर/सिवान:
मोहर्रम की 9 तारीख की रात में कर्बला कला की जंग में हुई शहादत याद ताजा की गई। मातमी जुलूस निकाले गए। या हुसैन के नारे से गली मोहल्ला गूंज उठा। पारंपरिक युद्ध कला कौशल का प्रदर्शन किया गया। तासे बाजे के साथ निकले जुलूस में महिलाएं भी थी।महिला मरसिया पढ़ रही थी।
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मरसिया में कर्बला की जंग में हुई शहादत का वर्णन सुनकर लोग गमगीन हुए। मिस्करही लालगंज बैकुंठपुर कैथवली कविता बड़गांव इंग्लिश कोल्हुआ दरगाह समेत कई गांव में शहादत की रात में मोहर्रम का मातमी जुलूस निकाला गया और कर्बला की जंग की याद की गई।