परवेज अख्तर/सिवान: जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड में रविवार की रात हुई झमाझम वर्षा जहां धरती की प्यास बुझी वहीं मुरझाते फसलों में जान लौट आई। खेतों में चारो तरफ पानी ही पानी हो गया है। किसान महंगी लागत से रोपनी तो कुछ कर लिए थे, लेकिन रोपनी के बाद पानी के अभाव में धान, मक्का, अरहर, सब्जी की फसल सूखने लगे थे। रविवार को वर्षा होने से उनकी फसलों में जान लौट गई। चोरों तरफ खेतों पानी दिखने से किसानों के चेहरे पर खुशी देखी गई। सोमवार की सुबह से ही किसान धान का बिचड़ा उखाड़ने जुट गए हैं। खेतों में ट्रैक्टर द्वारा केवाला करने का काम जोरशोर से शुरू हो गया है। किसान निचले स्तर के खेतों में पहले ही धान की रोपनी पंपसेट अथवा नहर के पानी से कर चुके थे, लेकिन ऊपरी तल की जमीन में पानी के अभाव में रोपनी बाधित थी। वर्षा होने से किसान एक तरफ रोपनी में जुट गए हैं।
वहीं पहले रोपी गई धान में उर्वरक का छिड़काव शुरू कर दिए हैं। प्रखंड क्षेत्र के भगवानपुर, सारीपट्टी, जगदीशपुर, नदुआं, चोरौली, सोंधानी सहित अन्य गांवों में किसान पानी के अभाव में घर बैठ गए थे। वह खेतों में निकल पड़े हैं। कृषक ओमप्रकाश पांडेय, आशुतोष पांडेय, कामेश्वर सिंह आदि ने बताया कि देर ही सही लेकिन भरपूर वर्षा होने से कृषि क्षेत्र को लाभ हुआ है। चोरौली निवासी प्रगति किसान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इस वर्षा से किसानों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि धान, मक्का, सब्जी, अरहर की फसल पर इस वर्षा का अनुकूल असर दिखेगा। कृषि वैज्ञानिक डा. अनुराधा रंजन कुमारी ने बताया कि किसान खेतों में मेड़बंदी कर पानी को रोक रोपनी शुरू कर दें। अगर जिस भी किसान के पास धान का बिचड़ा नहीं है वह धान की सीधी बोआई कर दें। जो किसान 15 से 20 दिन पूर्व धान की रोपनी किए हैं। वह उस खेत में यूरिया का छिड़काव जरूर करें, लेकिन अधिक पानी वाले खेतों में नहीं।