मृतक की पुत्र ने 13 लोगों को किया नामजद, एक महिला समेत पांच गिरफ्तार
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के मैरवा थाना क्षेत्र के नगर पंचायत वार्ड पांच पुरानी बाजार में बुधवार को भूमि विवाद में हुई मारपीट के दौरान भतीजे ने अपने वृद्ध चाचा की गला दबा कर हत्या कर दी। इस घटना के बाद अफरातफरी का माहौल कायम हो गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच घटना की जानकारी ली तथा शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। मृतक की पहचान लक्ष्मीनारायण प्रसाद गुप्ता के रूप में हुई है। इस मामले में मृतक की पुत्री अंकु कुमारी ने चचेरे भाइयों समेत 13 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी कराई है। पुलिस एक महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर ली है। बताते हैं कि मैरवा रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर पुरानी बाजार में एक तीन मंजिला मकान में हिस्सेदारी को लेकर दो पटीदारों के बीच विवाद चल रहा था। लक्ष्मी नारायण प्रसाद गुप्ता ने चार भतीजे में से एक राजेश कुमार से उसके हिस्से की डेढ़ फीट चौड़ी जमीन 15 वर्ष पहले रजिस्ट्री कराई थी। उन्होंने उस पर कब्जे के लिए दीवार निर्माण कराई, लेकिन लक्ष्मी नारायण प्रसाद गुप्ता के तीन भतीजे ने विरोध कर निर्माण कार्य रोक दिया था। बाद में दीवार को गिरा दिया गया। भतीजे के हिस्से का दावा के बाद मामला और उलझ गया। इसके बाद मामला न्यायालय पहुंचा और 144 धारा के तहत कार्रवाई भी की गई। धारा 144 हटने के बाद एक बार फिर विवाद बढ़ गया। लक्ष्मी नारायण प्रसाद गुप्ता के पुत्र और पुत्री इस भूमि की घेराबंदी करना शुरू किया तो एक बार फिर चचेरे भाइयों ने विरोध किया और काम रोक दिया। इसके बाद विवाद बढ़ गया। दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। इस दौरान लक्ष्मी नारायण प्रसाद गुप्ता की पुत्री अंकु कुमारी पुलिस को सूचित करने के लिए थाने पहुंची। पुलिस को साथ लेकर जब वापस लौटी तो देखा कि लक्ष्मी नारायण प्रसाद गुप्ता मकान के फर्श पर गिरे हुए थे। उन्हें लेकर रेफरल अस्पताल गई तो चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। इस मामले में मृतक की पुत्री अंकु कुमारी ने थाना में आवेदन देकर चचेरे भाइयों समय 13 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी कराई है। पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए मृतक के भतीजे विजय कुमार और उनकी पत्नी गुड्डी देवी तथा उसके दो लड़के शशि कुमार और रामबाबू तथा भाई योगेश को गिरफ्तार कर ली है।
विवाद सुलझाने को रात में हुई थी पंचायती :
भूमि विवाद सुलझाने के लिए मंगलवार की रात पंचायती हुई थी। कुछ जनप्रतिनिधि और मोहल्लेवासी पंचायती कर विवाद सुलझाने की कोशिश किए। इसमें दोनों पक्ष के कुछ रिश्तेदार भी शामिल थे, लेकिन पंचायती में बात नहीं बनी। फोन कर एक पक्ष की एक बहन व रिश्तेदार ने 20 दिन की मोहलत मांगी थी ताकि वह भी इस पंचायती में शामिल हो सके। इसके कारण पंचायती स्थगित कर दी गई थी। अगले दिन एक बार फिर दोनों पक्षों में विवाद हो गया और यह घटना घटी।