परवेज अख्तर/सिवान: जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड क्षेत्र लंपी त्वचा रोग तेजी से पैर फैला रहा है। इससे प्रखंड के कई गांव इसके चपेट में आ गया है। इस बीमारी से गाय संक्रमित हो रही हैं। पशुओं में लंपी संक्रमण फैलने से पशुपालक भयभीत हैं। प्रखंड के हुलेसरा, सनवर्षा और बड़कागांव में कई गाय इस बीमारी का शिकार हो गई हैं। पशुपालकों का कहना है कि पशुओं की त्वचा पर चकत्ते, नाक बहना, तेज बुखार जैसे लक्षण दिख रहे हैं। लगातार इलाज के बाद भी बीमारी पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। हुलेसरा निवासी पशुपालक मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि यह संक्रमण केवल गाय में फैल रहा है। गाय के शरीर पर जगह-जगह पर चकता जैसे निशान दिखना शुरू हो गया है। इस कारण वे धीरे- धीरे खाना कम कर दे रही हैं और कमजोर होकर गिर जा रही हैं। वहीं इन पशुओं का उचित इलाज नहीं होने पर वे मौत के शिकार हो जा रही हैं।
प्रथम श्रेणी पशु स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डा. अनुभव आनंद ने बताया कि पशुपालको को लंपी संक्रमण से डरने की आवश्यकता नहीं है। गायों में इस बीमारी की शिकायत मिलने पर पशुपालक अस्पताल से संपर्क करें। इस बीमारी का इलाज है। इसके रोकथाम के लिए टीका भी दिया जा चुका है। पशुपालक घरेलू उपचार को अपना कर भी नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालक से लंपी बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए घरेलू उपचार 50 ग्राम कच्चा हल्दी, 15 से 20 ग्राम हल्दी पाउडर को मिलाकर एक दिन संक्रमित गाय को दें। उसके बाद 10 पान के पत्ते, 10 काली मिर्च और नमक मिलाकर तथा उसे पाउडर बना लें और प्रथम दिन तीन बार, दूसरे दिन दो बार गाय को खिला दें। उन्होंने बताया कि अगर गाय के शरीर पर गांठ बन गया है और घाव बन गया है तो हल्दी एवं घी का लेप लगाएं।