परवेज अख्तर/सिवान: जिले के सिसवन प्रखंड के बखरी गांव स्थित आनंद बाग व सुंदर बाग में चल रहे दो दिवसीय संत मेला का गुरुवार की रात्रि समापन हो गया। सम्मेलन में जुटेभगवान दास व जगन्नाथ स्वामी के शिष्यों ने गुरु द्वारा बताए गए मार्ग चल कर समाज की सेवा करने का संकल्प लिया। आनंद बाग के मठाधीश राजवल्लभ दास उर्फ जंगली दास ने सम्मेलन में शिरकत करने आए संत महात्माओं को अंग वस्त्र प्रदान कर विदाई दी, वहीं शिष्यों ने परंपरा के हिसाब से भजन गाकर उन्हें विदाई दी। संत सम्मेलन के समापन के मौके पर मठाधीश जंगली बाबा ने कहा कि गुरु कोई शरीर नहीं, एक तत्व है जो पूरे ब्रह्मांड में विद्यमान है।
मेरा गुरु या तेरा गुरु शरीर के स्तर पर अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन गुरु तत्व तो एक ही है। गुरु और शिष्य का संबंध शरीर से परे आत्मिक होता है। गुरु से दीक्षा लेने, साधना को मजबूत करने और अपने भीतर गुरु को अनुभव करने का अभिव्यक्ति है। गुरु को याद करने से हमारे विकार वैसे ही दूर होते हैं जैसे प्रकाश के होने पर अंधेरा दूर हो जाता है। चित्त में पड़े अंधकार को मिटाने वाला कोई और नहीं, बल्कि गुरु ही होते हैं। गुरु ही हैं जो जीना सिखाते हैं और मुक्ति की राह दिखाते हैं। इस मौके पर काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।