परवेज अख्तर/सिवान: बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक से मारपीट व अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना के 18 दिन बीत जाने के बाद भी नामजद की गिरफ्तारी नहीं होने के विरोध में गुरुवार को बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा का बहिष्कार किया। सदर अस्पताल सहित जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल सहित उप स्वास्थ्य केंद में ओपीडी सेवा बाधित रहने से मरीजों व तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ओपीडी सेवा का बहिष्कार करते हुए चिकित्सक मुख्य गेट पर बैठ गए थे। इस कारण सदर अस्पताल में इलाज कराने आए सैकड़ों मरीजों को वापस लौटना पड़ा। बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के जिला सचिव नीरज कुमार ने बताया कि मामले के बाद नामजद की गिरफ्तारी के लिए जिलाधिकारी से मिलकर मांग की गई थी।
जिलाधिकारी द्वारा मामले की जांच कराते हुए अग्रतर कार्रवाई करने की बात कही गई थी लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। करीब एक सप्ताह पूर्व भी संघ द्वारा चेतावनी दी गई थी कि अगर कार्रवाई नही होती है, तो सभी डाक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। कार्यकारी अध्यक्ष कुमार रवि रंजन ने कहा कि अगर नामजद के विरुद्ध प्रशासन द्वारा कार्रवाई नही की जाती है तो चार सितंबर से सभी सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी और ओपीडी सेवा का बहिष्कार करेंगे। बता दें कि 13 अगस्त को बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डा. अजीत कुमार व स्थानीय जिला पार्षद रेनू यादव के बीच विवाद हो गया था। इसमें चिकित्सक ने आरोप लगाया था कि पार्षद व उनके सहयोगियों व समर्थकों ने अस्पताल में तोड़फोड़ करते हुए उसके साथ मारपीट की थी। वहीं भगवानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी चिकित्सकों ने ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया।