परवेज अख्तर/सिवान: मैरवा भाई बहन के बीच अटूट प्यार दर्शाने वाले त्योहार रक्षा बंधन का अवसर पर विद्यालय खुला रखने के शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद निराश शिक्षक-शिक्षिकाएं गुरुवार को विद्यालय तो पहुंचे लेकिन विद्यालयों में रोज की तरह बच्चों की चहक नहीं सुनाई पड़ी। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित शिक्षण कार्य दिवस को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए पूर्वनिर्धारित अवकाश तालिका में संशोधन किया गया है। बता दें की पहले रक्षा बंधन के लिए अवकाश तालिका में 30 अगस्त को अवकाश अंकित था।
रक्षा बंधन 31 अगस्त को मनाए जाने को देखते हुए उसे अवकाश को संशोधित कर 31 अगस्त को घोषित किया गया लेकिन एक बार फिर रक्षा बंधन के ठीक पहले अवकाश तालिका में संशोधन कर रक्षा बंधन समेत कई अन्य अवकाश निरस्त कर दिया गया। इसको लेकर शिक्षक व शिक्षिकाओं में निराशा और नाराजगी देखी गई। विभागीय निर्देश का अनुपालन करते हुए शिक्षक/ शिक्षिकाएं रक्षा बंधन के त्यौहार के दिन भी विद्यालय तो पहुंचे लेकिन कई विद्यालयों में छात्रों की संख्या शून्य रही। इस कारण मध्याह्न भोजन का चूल्हा नहीं जला। दैनिक निरीक्षण रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। निरीक्षण प्रतिवेदन ने विभागीय अधिकारियों को भी चौंका दिया। वहीं कुछ विद्यालयों में उपस्थित पांच से 10 प्रतिशत तक ही रही। शिक्षकों से मिली जानकारी के अनुसार रक्षा बंधन के त्योहार के कारण विद्यालयों में बच्चे या तो बिल्कुल नहीं आए या बहुत ही काम आए।