परवेज अख्तर/सिवान: जिले के हुसैनगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित बीआरसी कार्यालय के सामने 15 वर्ष पूर्व करीब 10 लाख रुपये की लागत से लोहे की पाइप और चारों ओर से उच्च कोटि के प्लास्टिक से ढककर करीब पांच कट्ठा जमीन पर शेड बनाया गया था। इस पौधशाला में छोटे पौधों की सिचाई के लिए मोटर लगाया गया था। इसमें विभिन्न प्रकार के पौधे, फल, फूल, सब्जी आदि के छोटे- छोटे पौधे उगाए जाते थे तथा बहुत कम लागत में किसानों के बीच मुहैया कराया जाता था। इस पौधशाला में दो से तीन वर्षों तक अच्छी तरह से पौधों को उगाया गया। उसके बाद अधिकारियों और कर्मचारियों का ध्यान इससे विचलित होता चला गया। इस कारण आज इसका अस्तित्व खत्म होने के कगार पर है। पौधे उगाने के काम तो कब का बंद हो चुका है।
आज सरकार जनजीवन हरियाली के तहत गांव- कस्बों में पेड़ लगाने की अभियान छेड़ रखा है। इसमें सिर्फ पेड़ लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस पौधशाला से हर प्रकार के पेड़ और फलदार पौधों का उत्पादन किया जाता था तथा इससे दर्जनों मजदूरों को रोजगार मिला था। वर्षों से वीरान पड़ा यह पौधशाला बदतर होता जा रहा है। इसके बंद होने से इसमें काम करने वाले मजदूर भी पलायन कर चुके हैं तथा प्लास्टिक से ढका पौधशाला का छप्पर धूप और वर्षा से गलकर उड़ चुका है। जिस पौधशाला में कभी रंग-बिरंगे फल और फूल के पौधे देखे जाते थे आज उसमें गाय, बकरी और मवेशी घास चरते देखे जा रहे हैं। इसकी सुधि लेने वाले अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि तक कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं।