परवेज अख्तर/सिवान: जिस तरह सृष्टि के सभी जीव परमात्मा राम को प्रिय हैं, ठीक उसी तरह समस्त जीवों के लिए भगवान राम प्रिय हैं। यदि जीव किसी कारणवश भगवान को भूल भी जाते हैं लेकिन जगत पिता भगवान् राम सभी जीवों पर अहैतुक कृपा करते हैं। यह बातें मिर्जापुर से पधारे धर्मराज शास्त्री ने दरौली में चल रहें रामचरित मानस सम्मेलन के पांचवें दिन मंगलवार को कही। उन्होंने कहा कि जब जंगल में भगवान पैदल जा रहे थे उस क्रम में जंगल के पशु-पक्षी भी भगवान का दर्शन करने के लिए कुछ दूर साथ चलते थे।
इस दौरान भगवान राम ने सीताजी को जब अयोध्या लौटने की बात कही तो उन्होंने बताया कि स्त्रियों के लिए पति ही परमेश्वर हैं, इसलिए मुझे अपने साथ ही रहने दीजिए। वहीं लक्ष्मण ने भी वापस अयोध्या जाने से साफ मना कर दिया। उन्होंने इसके बाद बड़े आचार्य ने मनोहर तरीके से राम और केवट संवाद प्रसंग का विधिवत वर्णन किया। इस मौके पर रतन लाल श्रीवास्तव, दीपक राय, सूर्य भूषणपाठक, प्रभुनाथ तिवारी उर्फ अनु बाबा, कृपा राय समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।