परवेज अख्तर/सिवान : पटना में आंदोलनकारी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी, महिला यौन उत्पीड़न के खिलाफ शुक्रवार को भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने शहर के खुरमाबाद स्थित जिला कार्यालय से प्रतिवाद मार्च निकाला। प्रतिवाद मार्च जिला कार्यालय से निकालकर गोपालगंज मोड़, पटेल चौक, जेपी चौक, दरबार रोड़, अस्पताल मोड़, बबुनिया मोड़ होते हुए पुन: जेपी चौक पर आकर सभा में तब्दील हो गया। प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व पूर्व विधायक अमरनाथ यादव व भाकपा माले केंद्रीय कमिटी के सदस्य नैमुद्दीन अंसारी ने संयुक्त रूप से किया। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक अमरनाथ यादव ने कहा कि आज सुरक्षा करने वाली बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं और सूबे की सरकार कानून का राग अलाप रही हैं। महिला सिपाही सविता पाठक की मौत सरकार व प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई है। उसकी असामयिक मौत ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकारी कार्यालय व संस्थान अब महिला शोषण व अत्याचार के केंद्र बन गए हैं। हम सबकों मिलकर इनके खिलाफ आंदोलन करना होगा। नैमुद्दीन अंसारी ने कहा कि पुलिस भी सरकारी कर्मचारी हैं। उनके भी लोकतांत्रिक अधिकार है। बिना कोई नोटिस के 77 महिला समेत 175 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर देना दरबारी फैसला है। यह अन्यायपूर्ण तानाशाही कदम है। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले बढ़े है। सेना में भी महिला जवान असुरक्षित हैं। प्रतिवाद मार्च में आइसा सदस्य जयशंकर पडित, विकास यादव, सुनीत कुशवाहा, योगेंद्र यादव, उमा राम, हंसनाथ राम, राजेश गुप्ता, रमेश प्रसाद, रामजी खरवार, दीना गुप्ता, जयकरण महतो, गुड्डू मिश्रा समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी व उत्पीड़न के खिलाफ माले का प्रतिवाद मार्च
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