परवेज अख्तर/सिवान: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली के निर्देश पर सिविल कोर्ट परिसर में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 791 मामलों का निष्पादन किया गया, इसमें फौजदारी के 135 मामले शामिल हैं। सर्वाधिक मामले बैंकों से जुड़े रहे ग्राम कचहरियों के भी सात मामले निष्पादित किए गए। इसके पूर्व राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस दौरान उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रभारी जिला न्यायाधीश विजय कृष्ण सिंह ने कहा कि यह एक ऐसा शुभ अवसर है जहां पक्षकार के साथ न्यायाधीशगण एक ही बेंच पर बैठते हैं तथा आमने-सामने बैठकर मामलों का निष्पादन किया जाता है। इस अवसर पर प्राधिकार के सचिव अवर न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार राय ने उपस्थित न्यायिक पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के पदाधिकारी से इस अवसर का लाभ उठाने और अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन करने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करने की अपील की।
उद्घाटन सत्र में चर्चा का हिस्सा बनते हुए प्रथम श्रेणी नायक दंडाधिकारी आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि वैदिक काल से सुलह समझौता का आधार ही मामलों का निष्पादन का आधार रहा है। इसे हमें प्रेरणा का स्रोत मानते हुए मामलों के निष्पादन में सहयोग प्रदान करनी चाहिए। बेंच नंबर एक में अपर न्यायाधीश प्रथम राजीव कुमार द्विवेदी ने जहां सूचक से अस्पताल में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क स्थापित कर मामले का निष्पादन कराया, इसी प्रकार अन्य कोर्ट रूम में अवर न्यायाधीश अमित कुमार पांडेय, मनोज कुमार तिवारी हर्षवर्धन, अपर जिला न्यायाधीश प्रतिभा सिंह एवं अन्य न्यायाधीशगणों ने पैनल अधिवक्ताओं की उपस्थिति में मामलों के निष्पादन में अपना सहयोग प्रदान किया। मामलों के निष्पादन में कुल 14 न्यायिक बेंच कार्य कर रहे थे, न्यायिक बेंचों में अपर जिला न्यायाधीश क्रमशः प्रतिभा सिंह, शशि भूषण कुमार, राजीव कुमार द्विवेदी, अमित कुमार पांडेय हर्षवर्धन, अरुण तिवारी के साथ एसडीजेएम बबीता सिंह, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी आशुतोष अभिमन्यु, विवेक कुमार, सुरभित सहाय, आलोक चतुर्वेदी, अमित दयाल, मनीष राय एवं कृष्ण कुमार ने न्यायिकपीठ में उपस्थित थे, जबकि सहयोग के लिए पैनल अधिवक्ता क्रमशः संगीता सिंह, मनोज कुमार सिंह, ब्रजेश कुमार दुबे, मो. कलीमुल्लाह, प्रमोद रंजन आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर लोक अदालत के पेशकार क्रमशः रंजीत दुबे, अतुल कुमार, जयप्रकाश प्रसाद, बलवंत कुमार, मनीष राय, प्रभात कुमार का सहयोग सराहनीय रहा। प्रभारी जिला न्यायाधीश एवं सचिव धीरेंद्र कुमार राय ने इस उपलब्धि पर गौरवांवित महसूस करते हुए इस पुनीत कार्य में लगे सभी लोगों को साधुवाद दिया।