परवेज अख्तर/सिवान: अपर मुख्य नायक दंडाधिकारी दशम सह अवर न्यायाधीश अष्टम मनीष पांडेय की अदालत ने आर्म्स एक्ट के अभियुक्त को दोषी करार दिया है। सोमवार को अभियोजन एवं बचाव पक्ष को सुनने के पश्चात अदालत ने आर्म्स अधिनियम 25(1 -बी) एवं 26 के अंतर्गत अभियुक्त को दोषी सिद्ध किया। बताया जाता है कि 20 अप्रैल 2012 को गुप्त सूचना के आधार पर तत्कालीन असांव थानाध्यक्ष अनिल कुमार को जानकारी मिली कि असांव थाना अंतर्गत खरादरा गांव निवासी राधाकिशुन सिंह के घर के पास बदमाशों का जमावड़ा लगा है तथा कुछ बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बनाई जा रही है। सूचना के आधार पर रात्रि में थानाध्यक्ष ने दलबल के साथ राधाकिशुन सिंह के मकान पर छापा मारा तो सूचना लीक होने की वजह से बदमाश भागने में सफल हुए, लेकिन घटनास्थल से एक कट्ठा और गोली बरामद की गई तथा राधाकिशुन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
आर्म्स एक्ट के मामले में राधाकिशुन सिंह को करीब दो वर्ष जेल में व्यतीत करने के पश्चात उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त हुई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में एपीओ दीपक चौरसिया ने बहस किया तथा कड़ी सजा का निवेदन किया जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार शर्मा ने अदालत से निवेदन किया कि अभियुक्त का कोई अपराधी इतिहास नहीं रहा है। वह करीब दो वर्ष की सजा जेल में काट चुका है और स्वास्थ्य भी अनुकूल नहीं है। इसलिए उसकी स्थिति को देखते हुए जेल में बिताए अवधि को ही सजा के रूप में समायोजित करने की अनुरोध किया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने तथा अभिलेख का संपूर्ण अवलोकन करने के पश्चात जेल में बिताए अवधि को ही सजा के रूप में परिवर्तित करते हुए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश पारित कर दिया।