प्रशासन व प्रतिनिधियों की उपेक्षा है मुख्य कारण
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के नौतन प्रखंड के जगदीशपुर साईं टोला के नरसंहार पीड़ित परिवारों को 20 साल बाद भी सड़क की सुविधा मिल सकी है. प्रशासन से लेकर प्रतिनिधि तक इस बात को नजरअंदाज करते रहे हैं. इस मुहल्ले में लगभग दर्जन भर परिवार अति पिछड़े वर्ग के हैं, जिनमें लगभग 10 परिवार यहां रहता है. सबसे बड़ी बात यह है कि उक्त मोहल्ले में रहने वाले परिवार 2004 के जगदीशपुर साईं टोला के नरसंहार पीड़ित परिवार है. जिन्हें नरसंहार के बाद प्रशासन द्वारा यहा विस्थापित करा दिया गया था. इन लोगों के पुनर्वास के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासन द्वारा पट्टा बनाकर जंगल-झाड़ी वाली जमीन दी गई, जिसे साफ सफाई के बाद लोगों ने झोपड़ी वगैरह डालकर रहना शुरू कर दिया. इसके बाद इन पीड़ित लोगों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास की राशि दी गई, जिससे लोगों ने जैसे-तैसे करके आवास बना लिया. लेकिन विस्थापन के 20 साल बाद भी इस मुहल्ले आने जाने के लिए रास्ता नहीं बन सका है.
जगदीशपुर साईं टोला में रहने वाले लोगों का रहन-सहन तथा इस मोहल्ले की स्थिति दयनीय है. प्रशासन द्वारा इनके आवास की भूमि आवंटित करने के समय ही रास्ते के लिए भी जमीन दिया गया. आवास तथा सड़क की जमीन का नजरी नक्शा भी उन्हें दिया गया, जिसके अनुसार कई आवास व सड़क की जमीन का पैमाइश भी हुआ. लेकिन प्रशासन और प्रतिनिधियों की लापरवाही व नजरअंदाज करने के कारण ही आज भी इस मोहल्ले में जाने के लिए लोग खेतों व पगडंडियों का उपयोग करते हैं. हालांकि मोहल्ले के अंदर कुछ दूर तक सड़क पर मिट्टीकरण व ईंटकरण वर्षों पहले हुआ. लेकिन मुख्य सड़क से अंदर मोहल्ले में घुसने के लिए लगभग डेढ़ सौ फीट तक सड़क की जमीन लगभग तीन-चार फिट नीची है, जिस पर मिट्टीकरण के बाद पहली बरसात ही उसे पूर्ववत स्थिति में पहुंचा देती है. कुछ वर्ष पहले भी तत्कालीन मुखिया द्वारा सड़क के इस हिस्से पर मिट्टीकरण कराया गया. लेकिन बरसात आते ही फिर मिट्टी बह गई और रास्ता बंद हो गया.