परवेज अख्तर/सिवान: सरकार के निर्देशालोक में जिले के विभिन्न विद्यालयों में मंगलवार को सम्राट अशोक की जयंती मनाई गई। इस मौके पर सम्राट अशोक के चित्र पर पुष्प अर्पित कर बच्चों को उनकी जीवनी से अवगत कराया गया। शिक्षकों ने सम्राट अशोक कैसे चक्रवर्ती राजा बने, उन्होंने अपने राज्य के लिए क्या किया, प्रजा के साथ उनका कैसे प्रेम था इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी बच्चों को दी। जानकारी के अनुसार दारौंदा प्रखंड के माध्यमिक विद्यालय पकवलिया, माध्यमिक विद्यालय जलालपुर कचहरी, माध्यमिक विद्यालय कोड़ा कला, माध्यमिक विद्यालय बालबंगरा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय फतेहपुर समेत अन्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व में सम्राट अशाेक की जयंती मनाई गई। इस संबंध में बीईओ शिवजी महतो ने बताया कि सम्राट अशोक के जीवन चरित्र पर चर्चा करते हुए कहा कि वे एक शक्तिशाली राजा थे।
उन्हें चक्रवती सम्राट अशोक भी कहा जाता है। उनके विचारों को आत्मसात कर आगे बढ़ने का संकल्प लें। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक मिथिलेश कुमार तिवारी, मिथिलेश कुमार, कमलेश्वर प्रसाद सिंह, माध्यमिक विद्यालय अरविंद चौबे, ललन राम, रीतू सिन्हा, रवींद्र कुमार आदि के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं भगवानपुर हाट के सभी सरकारी विद्यालयों में चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जयंती मनाई गई। इस मौके पर विद्यालयों में सम्राट अशोक के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। शिक्षक एवं छात्रों द्वारा सम्राट अशोक के जीवनी पर परिचर्चा आयोजित की गई। यह कार्यक्रम प्रखंड मुख्यालय स्थित एसएस उच्च विद्यालय सह इंटर कालेज, उत्क्रमित उच्च विद्यालय सह इंटर कालेज कौड़िया बसंती, इंद्र सिंह उच्च विद्यालय सह इंटर कालेज हिलसड सहित सभी विद्यालयों में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर राजेंद्र कुमार सिंह, लालबाबू कुमार, डा. सुमन कुमार सिंह आदि उपस्थित थे। वहीं आंद प्रखंड के राजकीयकृत मध्य विद्यालय असांव में प्रधानाध्यापक जाहिद अंसारी, उत्क्रमित मध्य सह उच्च माध्यमिक विद्यालय रकौली में प्रधानाध्यापक प्रशांत कुमार सिंह, उत्क्रमित मध्य सह उच्च माध्यमिक विद्यालय बरवा में प्रधानाध्यापक राममनोहर पाठक, प्राथमिक विद्यालय गौरा में प्रधानाध्यापक विजय कुमार सिंह व प्राथमिक विद्यालय कोदैला में प्रधानाध्यापक राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में सम्राट अशोक की जयंती मनाई गई। इस मौके पर आत्मानंद पाठक, लक्ष्मी रानी, रानी कुमारी, सुमिता देवी, अंजू कुमारी, सुनीता देवी समेत आदि शिक्षक उपस्थित थे।