पटना: बिहार में अब सरकारी जमीन, मकान और अन्य संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। नीतीश सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक नया और कड़ा कानून बना दिया है, जो बुधवार को बिहार विधानसभा में पारित किया गया।
अवैध कब्जाधारियों को होगी जेल और जुर्माना
नए कानून के तहत, सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वालों को छह महीने तक की जेल और 10,000 रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ेगा। इसके अलावा, जो लोग सरकारी जमीन लीज पर लेकर समय पर भुगतान नहीं करेंगे, उन पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।
अब तक बिहार में सरकारी संपत्ति का आवंटन रद्द करने, किराया वसूलने या कब्जा हटाने के लिए कोई प्रभावी कानून नहीं था। इस वजह से बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन और संपत्तियों पर अवैध कब्जा हो गया था। इसे रोकने के लिए ‘बिहार सरकारी परिसर (आवंटन, किराया, वसूली, बेदखली) संशोधन विधेयक 2024’ लाया गया है।
कानून में 68 साल बाद किए गए बदलाव
भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने यह विधेयक विधानसभा में पेश किया। उन्होंने कहा कि अब तक सरकारी परिसरों से संबंधित मामलों में 1956 का कानून लागू था, जो मौजूदा समय की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं था।
मंत्री ने बताया कि पुराने कानून के कारण लीज पर दी गई जमीन को खाली कराना, किराया निर्धारित करना और बकाया राशि की वसूली करना काफी मुश्किल हो रहा था। नए विधेयक में इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए कई प्रावधान जोड़े गए हैं।
नए प्रावधान और संभावनाएं
नए कानून के लागू होने के बाद:
- सरकारी परिसरों का किराया वसूलना आसान हो जाएगा।
- अवैध कब्जे की आशंका काफी हद तक कम हो जाएगी।
- सरकार तय अवधि के लिए सरकारी परिसरों को सरकारी, अर्द्ध सरकारी और अन्य वैधानिक संस्थाओं को आवंटित कर सकेगी।
विधेयक को ध्वनि मत से पारित किया गया
मंत्री ने सदन में दावा किया कि यह संशोधन कानून सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करेगा। विपक्ष की गैरमौजूदगी में यह विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
सरकार की नई पहल
इस नए कानून के तहत बिहार सरकार अब सरकारी संपत्तियों की बेहतर निगरानी और प्रबंधन करेगी। यह कदम राज्य में सरकारी परिसंपत्तियों पर अवैध कब्जे की समस्या को कम करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।