62वां सालाना उर्सेपाक संपन्न
औलियाए उम्मत कांफ्रेंस में सैकड़ो लोगों ने की शिरकत
परवेज अख्तर/सिवान :- सदर प्रखंड के मीरापुर गांव स्थित हजरत कुंवारे पीर शाह रह. अलै. का 62वां सालाना उर्सेपाक रविवार को हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। इस मौके पर जिले के अलावा अन्य राज्यों के सभी समुदाय के लोगों ने बढ़ चढकर हिस्सा लिया। इस दौरान अकीदतमंदों ने हजरत कुंवारे पीर शाह रह. अलै. के मजार पर चादरपोशी कर अमन चैन की सलामती के लिए दुआ मांगी। चादरपोशी के बाद मदरसा इस्लामिया के परिसर में भव्य कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जो मौलाना अकील अहमद मिसबाही की सेदारत में संपन्न हुई। आयोजित कांफ्रेंस में बिहार के अलावा अन्य कई राज्यों से नामी निरामी ओलामा व सोअराओं ने शिरकत किया। कांफ्रेस के दौरान जाने माने शायर साेला शबनम का नातिया कलाम सुनकर श्रोताओं का दिल बाग-बाग हो गया। वहीं शायर नौशाद मिसबाही की नातिया कलाम सुनकर श्रोता झूम उठे। झारखंड से आए मुख्य वक्ता मौलाना रहमान हैदर फिरदौसी ने अपने संबोधन में कहा कि कौम की तरक्की के लिए तालिम की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो लोग दिन भर फूलों को पैरों से कुचलकर चलते है और शाम के समय में चमन की रहनुमाई का दावा करते हैं, वैसे लोगों को मजहब पसंद नही करता। उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म शांति का पैगाम देता है। मौलाना मजहरूल हक साहब ने कहा कि दीन नवी के दीवानों ने ही फैलाई है।
चार बच्चों की हुई दस्तारबंदी
कार्यक्रम के दाैरान इस्लामिया नारों से महफिल गूंज उठा। कांफ्रेंस के दौरान जिन बच्चों की दस्तारबंदी हुई उनमें ख्वासपुर निवासी हाफिज मो. सैफ, भोरे गोपालगंज निवासी हाफिज अब्दुल सकुर, बढ़ेया निवासी हाफिज मो. सुलेमान व पचरूखी निवासी हाफिज मो. असलम शामिल है।
भण्डारा आयोजित
औलियाए उम्मत कांफ्रेस के दौरान दूर दराज से आए श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें अध्यक्ष सेराजुल हक, डा. तौकीर अहमद, खुर्शीद अहमद, शेख सोनू, नसीरूद्दीन, शमीम अख्तर, तौसिफ अकरम का सराहनीय योगदान रहा। मौके पर शाहिद कलीम, मौलाना अंजार अहमद, मौलाना इंतखाब आलम, कारी शमीउल्लाह, मौलाना इरशाद खान बरकाती, हाजी इस्लामुद्दीन, हाजी कुतुबुद्दीन, हाफिज अब्दुल क्यूम, हाफिज सराफत, मौलाना इजराइल, इरशाद हबीबी समेत अन्य लोग उपस्थित थे।