परवेज अख्तर/सिवान : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जिले के गुठनी, ग्यासपुर, दरौली, पतार, नरहन, भागर, सिसवन घाट समेत अन्य सरयू नदी घाटों पर श्रद्धालु शुक्रवार की अल सुबह से आस्था की डूबकी लगाएंगे तथा सूर्य भगवान समेत अन्य देवी-देवताओं की पूजा अर्चना कर दान-पुण्य करेंगे। इस दौरान जो श्रद्धालु वहां नहीं पहुंचेंगे वे अपने घरों में स्नान कर दान पुण्य करेंगे और पूजा अर्चना करेंगे। कार्तिक पूर्णिमा स्नान कर ले सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर मेले का आयोजन किया गया है जहां मिठाई, फर्नीचर, कपड़ा, खिलौना, पौधा, शृंगार आदि की दुकानें सज गई हैं। वहीं बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला, मौत का कुआं, सर्कस आदि लगे हुए हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधाओं का रखा जा रहा ध्यान
सरयू नदी पर कार्तिक पूर्णिमा के स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन एवं अन्य संगठनों द्वारा विशेष सुविधा की गई है। घाटों पर रोशनी के लिए लाइटिंग, ठहरने के लिए टेंट,खोया-पोया की सूचना के लिए काउंटर,सरयू नदी में बैरिकेडिंग, नाविक तथा गोताखोरों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पुलिस प्रशासन द्वारा मेले आने वाले शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। वहीं विभिन्न सरयू नदी घाटों की सफाई की गई है। इस दौरान श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना के लिए मंदिरों की साफ-सफाई तथा सजावट की गई है। नई बस्ती के पंडित शैलेंद्र पांडेय एवं मैरवा के कविता निवासी आचार्य पं. नित्यानंद पांडेय ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान से श्रद्धालुओं के पापों का नाश होता है तथा सुख समृद्धि प्राप्त होता है। इसलिए यह स्नान अपने आप में एक अलग महत्व रखता है।
कोसी भरने की है विशेष परंपरा
कार्तिक पूर्णिमा के रात श्रद्धालुओं द्वारा मन्नतें पूरी होने पर कोसी भरने की परंपरा है। इसकी तैयारी के साथ भी कई श्रद्धालु नदी घाटों पर पहुंच चुके हैं। वहीं पारंपरिक गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है।
वाहनों पर भीड़ से श्रद्धालुओं की हुई परेशानी
कार्तिक पूर्णिमा को सरयू नदी घाटों पर स्नान करने वाले लोगों से पूरा वाहन भर चुका था। लोग वाहन के अंदर के अलावा उसके छतों पर सवार होकर नदी घाटों पर पहुंच रहे थे। कहीं-कहीं वाहनों की किल्ल्त से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं सुदूर इलाकों से कई श्रद्धालु महिला-पुरुष एवं बच्चे पैदल ही गीत गाते सरयू नदी घाटों पर पहुंचे हुए थे। इसको लेकर सड़कों पर काफी चहल-पहल देखी तथा श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया।
मेला में झूला सर्कश सहित विभिन्न तरह की दुकानें सज गई
दरौली में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले स्नान एवं मेला को ले तैयारी पूरी हो गई है। स्नान एवं मेला को ले श्रद्धालु पैदल एवं छोटी व बड़ी वाहनों द्वारा पहुंचने लगे हैं। गुरुवार की देर रात्रि से ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु दरौली पहुंच चुके थे। प्रशासनिक स्तर स्नान को ले पंचमंदिर घाट पर बास बली से बारकैडिंग कर दिया गया है। सीओ आनंद कुमार गुप्ता ने बताया कि मलपुरवा एवं शिवालय घाट खतरनाक होने सेे स्नान के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। पंचमंदिर घाट पर लाइटिंग व गहरे पानी को देखते हुए बारकैडिंग कर दिया गया है। थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस पदाधिकारी, पुलिस एवं महिला सशस्त्र बल को तैनात कर दिया गया है। वहीं फुलेना सिंह उच्च विद्यालय परिसर में एक माह तक चलने वाला मेला के दुकाने सज गई हैं। मीना बाजार, फर्नीचर की दुकान, पौधे मौत का कुंआ, टावर झूला, ब्रेक डांस सहित विभिन्न तरह की दुकानें सज गई है।